गडचिरोली जिले में मुंडे को श्रद्धांजली अर्पित
गडचिरोली
जिले के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के नेताओं ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन पर गहरा दुःख जताते हुए कहा है कि मुंडे के निधन से राज्य का भारी नुकसान हुआ है और आम आदमी का नेता उससे दूर चला गया है.
मुंडे थे जननेता
गडचिरोली के सांसद अशोक नेते ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे ने भाजपा को राज्य के अंतिम छोर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके निधन से मेरी व्यक्तिगत क्षति के साथ ही पार्टी और देश की अपूरणीय क्षति हुई है.
राज्य के पूर्व राज्यमंत्री और राकांपा के जिलाध्यक्ष धर्मरावबाबा आत्राम ने मुंडे को जननेता बताते हुए कहा कि उन्होंने मुंडे के साथ 15 साल तक विधानसभा में काम किया. एक प्रभावी विरोधी पक्ष नेता के रूप में किया गया उनका कार्य अविस्मरणीय है. गडचिरोली के विधायक डॉ. नामदेव उसेंडी ने कहा कि मुंडे के निधन से सामान्य नागरिकों का भारी नुकसान हुआ है. भाजपा में रहकर बहुजन समाज और खासकर वीजेएनटी के लिए किए गए कार्य सदा याद रहेंगे.
ग्रामीण जनता से जुड़े नेता
राकांपा के प्रदेश सचिव सुरेश सावकार पोरेड्डीवार ने कहा कि मुंडे के निधन से राज्य की भारी क्षति हुई है. युवा शक्ति संघटना के जिला प्रमुख सुरेंद्रसिंह चंदेल ने मुंडे को जमीन पर रहकर काम करने वाला नेता बताते हुए कहा कि उन्हें किसानों की समस्याओं की बेहतर जानकारी थी. गडचिरोली नागरी सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रकाश सावकार पोरेड्डीवार ने कहा कि वे ग्रामीण जनता से जुड़े नेता थे. उनके निधन से एक लोकनेता हमारे बीच से चला गया है.
राज्य में महायुति के शिल्पकार
गडचिरोली नगर परिषद के उपाध्यक्ष प्रा. रमेश चौधरी ने कहा कि वे संघर्ष से बड़े नेता बने थे. उनके कार्य चिरकाल तक याद रहेंगे. भाजपा के जिलाध्यक्ष किसन नागदेवे ने कहा कि मुंडे के निधन से पार्टी और राज्य की जनता को गहरा सदमा लगा है. शिवसेना के जिलाध्यक्ष हरीश मने ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे राज्य में महायुति के शिल्पकार थे. उन्हीं के कारण महायुति दीर्घकाल तक टिकी रही.
सच्चे अर्थों में बहुजनों के नेता
भाजपा के प्रदेश सदस्य बाबूराव कोहले ने कहा कि वे सच्चे अर्थों में बहुजनों के नेता थे. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष प्रशांत वाघरे ने मुंडे को आम आदमी का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता बताया. जिला परिषद सदस्य अमोल मारकवार ने कहा कि उनके मंत्री बनने के बाद किसानों की स्वप्नपूर्ति के संकेत दिखने लगे थे, मगर उनके निधन से अब यह संभव नहीं रहा है.