उमरखेड़
उमरखेड़ तालुका के नागरिकों ने इसापुर बांध का पानी पैनगंगा नदी में छोडने की मांग की है. मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है. दरअसल पैनगंगा नदी के तट पर रहनेवाले लोगों में पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हैं.
इस क्षेत्र के ग्राम कोप्रा, बोरी, चातारी, मानकेश्वर, सीदगी जैसे अनेक गांव पैनगंगा नदी के तट पर बसे हैं. यहां के नागरिक पीने के पानी के लिए नदी पर ही अवलंबित हैं. जलापूर्ति योजना भीे नदी से ही की गई है. पिछले 15 दिनों से नदी पूरी तरह से सूख गई है. इसके चलते सारे गांवों के नागरिकों और मवेशियों को दो बूंद पानी भी नहीं मिल पा रहा है. मजे की बात यह कि जून से अक्तूबर 2013 के दौरान हुई अतिवृष्टि के कारण पैनगंगा नदी में बाढ़ तक आ चुकी है.
ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने तहसीलदार को सौंपे एक ज्ञापन में मांग की है कि दो दिनों के भीतर इसापुर बांध का पानी नदी में छोड़ा जाए, ताक़ि ग्रामीणों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल सके. ऐसा नहीं होने पर आंदोलन किया जाएगा. शिष्टमंडल में चक्रधर देवसरकर, धनराज वानखेड़े, आबाजी देवसरकर, के. एन. कनकापुरे, नागोराव विनकरे, अवधूत बिटेवाड़, अल्का देवसरकर, श्रीधर वानखेड़े, बाबूराव कदम सहित अनेक नागरिक मौजूद थे.