Published On : Fri, Mar 14th, 2014

महिला किसान ने गन्ना फसल जलाई

Advertisement

साकोली – वैनगंगा शक्कर कारखाना की ओर से दिसंबर के अंत तक खेत से गन्ना फसल न उठाने से साकोली तहसील के आतेगांव निवासी महिला किसान ने खेत में खड़ी गन्ना फसलों को ही जला दिया। बाद में महिला किसान ने तहसीलदार को दिए निवेदन में २ लाख रूपये नुकसान भरपाई की मांग की। सरकार से चलाया जानेवाला वैनगंगा शक्कर कारखाना राजकीय दुर्लभ के कारण भंगार में जानेवाला था। परंतु पूर्ति समूह ने आगे आकर यह कारखाने का नामकरण किया। यह कारखाना चलाने के लिए हजारों किसानो को गन्ने की फसल उगाने के लिए प्रवृत्त किया गया। किसानों ने नुकसान चल रही धान खेती को ना करते हुए गन्ने की फसल लगाई।

 

Gold Rate
Thursday 09 Jan. 2025
Gold 24 KT 78,700 /-
Gold 22 KT 73,200 /-
Silver / Kg 91,200 /-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

२ दिसंबर २०१२ को कारखाने की ओर से गन्ने की बिजाई देकर फसल लगाने को बताया गया और ३१ दिसंबर २०१३ तक यह फसल काटकर उठाने का आश्वासन किया गया। कारखाने के प्रमुख राहुल गहाणे ने किसानों को गन्ना उठाने के लिए प्रति टन ३५० रुपयों की मांग करने से किसानों में घुस्सा तथा चिंता बड़ी। खेत में गन्ना फसल रहने से किसान दूसरी फसल भी नहीं ले सकते इस चिंता में आतेगाव निवासी श्रीमती शारदा लक्षमण हटवार ने अपने २ एकड़ खेत का गन्ना ही जला दिया। गन्ने की फसल होने से दूसरी फसल निकाल ने को बाधा होने से भारी आर्थिक नुकसान हुआ। इसलिए श्रीमती हटवार ने २ लाख रूपये नुकसान भरपाई देने का निवेदन तहसीलदार को किया। अन्य किसानो ने भी गन्ना फसल अपने खेत में जलाने की जानकारी दी गई है। लाखनी तहसील के रेंगेपार, सोमलवाडा, मेंढा गाव के किसानों ने भी इस कारखाना प्रशासन के बेजवाब धोरण की चिंता व्यक्त की है। गन्ना फसल १२ मार्च से १४ मार्च में हाथ आती है। परंतु  अवधी समाप्ति के बाद भी कारखाना प्रशासन का सहकार्य न मिलने पर और नैसर्गिक आपत्ती व जंगली सुअर से नुकसान में परेशानी होती है। गन्ना काटने वाले मजदुर भी एकरी दो से ढाई हजार रुपयों की मांग करते है। लेकिन इस पर किसी का ध्यान न होने से गन्ना उत्पादक किसान परेशान है।

 

SAKOLI-ATEGAONE--GHATANA-1

SAKOLI-ATEGAONE--GHATANA-2

 

Advertisement