अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग, तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
उमरखेड़
धनगर जनजाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर धनगर समुदाय के लोगों ने आज बकरियों और मेंढी के साथ मोर्चा निकाला, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ उपविभागीय कार्यालय पहुंचा. मोर्चा की ओर से तहसीलदार को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा गया.
राज्य सरकार की कथित समयकाटू नीति के विरोध और सरकार की भर्त्सना करने के उद्देश्य से उमरखेड़-महागांव तालुका आरक्षण संघर्ष समिति के तत्वावधान में यह धिक्कार मोर्चा निकाला गया. आज 31 जुलाई को स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति के प्रांगण से निकले मोर्चे में धनगर समााज की महिला, पुरुष, किसान, खेतमजूर सब अपने बच्चों के साथ शामिल हुए. इतना ही नहीं, उनके साथ बकरियां और मेंढी भी थी. मोर्चा उपविभागीय कार्यालय पहुंचा.
याद रहे, धनगर समाज की ओर से इससे पूर्व राज्य में 15 से 21 जुलाई तक संघर्ष पदयात्रा निकाली गई थी, ताकि सरकार का ध्यान अपनी मांगों की तरफ खींचा जा सके. मगर जब ऐसा नहीं हुआ तो मोर्चा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर बताया गया कि धनगर समाज का नाम अनुसूचित जनजाति की सूची में होने के बावजूद उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मोर्चे में यादव मखले, बलवंत नाईक, आनंदराव चिकने, भैया नाईक, अधि. बालासाहब नाईक, राजू कवाने, रामराव जामकर, बालासाहब चंद्रे, पूर्व नगराध्यक्ष अर्चना नाईक, उषा तास्के, चंद्रकला ढोरे, सतीश नाईक सहित सैकड़ों की संख्या में धनगर समुदाय के लोग शामिल हुए.