कोयला उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना
घुग्घुस – कोल माईंस ऑफिसर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के निर्देश पर गुरवार १३ मार्च से कोयला खदानों के अधिकारी हड़ताल पर चले गए है। जिसके चलते कोयला उत्पादन पर इस हड़ताल से असर पड़ने की संभावना जतायी जा रही है।
वेकोलि वणी क्षेत्र अंतर्गत आनेवाली घुग्घुस, नायगांव, निलजई साउथ, मुंगोली, कोलगांव एवं डीप्टी जीएस घुग्घुस काम्पलेक्स के अधिकारीगण एवं राजीव रतन अस्पताल एवं डीस्पेनसरी के सभी चिकित्सक हड़ताल में शामिल है जबकि सभी खदानों के उपक्षेत्रीय प्रबंधकों ने हड़ताल में भाग लिया। वेकोलि वणी क्षेत्र के शतप्रतिशत अधिकारी एवं चिकित्सक इस हड़ताल में शामिल है। इस क्षेत्र में लगभग २७० अधिकारी है। सभी अधिकारीयों ने गुरुवार की सुबह १० बजे ऑफिसर्स क्लब घुग्घुस में एकत्रित हुए और कोल इंडिया की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जताया।
उल्लेखनीय है की परफार्मर्स रिलटेड पे, नयी पेंशन स्कीम एवं अधिकारीयों के करीयर ग्रोथ जूनियर अधिकारिओं के वेतन में विसंगतियों के संबंधित निर्णयों को तुरंत लागू करवाने एवं बकाया भुगतान कराने के लिए कोल इंडिया के लगभग २०००० अधिकारी हड़ताल में शामिल है।
ऑफिसर्स असोसिएशन ने कोल इंडिया एवं कोल मंत्रालय को ५ दिसंबर २०१०, ५ सितंबर २०११ एवं २०११ एवं १२ जून २०१३ को हड़ताल की नोटिस दी थी। किंतु कोल इंडिया मैनेजमेंट आश्वासन और देश हित को ध्यान में रखकर हड़ताल वापिस ली थी। २० अक्टूबर २०११ को कोयला मंत्री के साथ पदाधिकारीयों की मीटिंग हुई जिसमें ७५ प्र.श. पीआरपी का भुगतान कोल इंडिया द्वारा रिकवरेबल एडवांस के रूप में किया गया था। लेकिन इस पर भारत सरकार ने आज तक कोई निर्णय नहीं लिया। जब की कोल इंडिया से रिटायर हो रहे, हो चुके अधिकारिओं के १०० प्र.श. अग्रिम रिकवरी की जा रही है।
विदित हो की हाल ही में कोल इंडिया द्वारा दी डिविडेंट एवं डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के रूप में भारत सरकार को करीब १९००० करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। जो की इस देश के सभी पब्लिक सेक्टर द्वारा किए गए डिव्हीडेंट एवं डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का ६५ प्रतिशत एवं फिक्सल डिफिसिट का करीब ०.२ प्रतिशत है जबकि अधिकारियों को वेतन समझौते का मुख्य भाग अर्थात परफारमेंस रिलेटेड पेमेंट का भुगतान एवं नै पेंशन स्कीम के लागू न होने से अधिकारियों में कैरियर ग्रोथ एवं वेतन विसंगतियों का निवारण करने में देरी को लेकर सभी अधिकारियों में अत्यंत रोष है और इसके विरोध में यह हड़ताल की जा रही है।