कोराडी
पिछले साल मई-जून में हुई अतिवृष्टि और तूफ़ान से हुए नुकसान की भरपाई की राशि अब तक इस इलाके के गांवों के किसानों को नहीं मिली है. अतिवृष्टि और तूफ़ान से महादुला जिला परिषद सर्कल के तहत आनेवाले लोणखैरी, बाभुलखेड़ा, तांदुलवाणी, चिचोली, गुमथी, खापा (पाटण), लोणारा, बैलवाब, वलनी आदि गांवों की खेत में खड़ी फसलें नष्ट हो गई थी. सरकार ने मुआवजा की राशि मंजूर भी की, मगर कृषि अधिकारी, मंडल अधिकारी और पटवारियों ने राशि का वितरण अब तक नहीं किया है. इससे किसानों में असंतोष व्याप्त है.
नागपुर जिले में 93 किसानों की आत्महत्या
प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों ने कर्ज लेकर बीज खरीदा है, परंतु प्रकृति के कोप के चलते सोयाबीन, कपास, गेहूं, ज्वार, धान और अन्य नगदी फसलें बरबाद हो गईं. पहले ही कर्ज के बोझ से दबे और प्रकृति के कोप के शिकार किसानों के सामने सिवाय आत्महत्या के कोई विकल्प नहीं बचा है. नागपुर जिले में 93 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
चक्कर काटते किसान
सरकार ने भले ही बहुत अधिक सहायता न की हो, मगर जो थोड़ी-बहुत रकम घोषित की गई है वह भी नहीं दी गई. किसान प्रतिदिन तहसीलदार, मंडल अधिकारी और पटवारी के आसपास चक्कर लगाते हैं, मगर सिवाय वादे के कुछ नहीं मिलता. पटवारियों ने बैंक अकाउंट नंबर लिया. उसकी सूची तहसीलदार के पास जमा की, परन्तु मुआवजा की राशि नहीं मिली.
तहसील कार्यालय में मुआवजा राशि जमा
बताया जाता है कि कामठी तहसील कार्यालय में किसानों की मुआवजा की राशि जमा है. तहसीलदार चव्हाण लंबी छुट्टी पर हैं. कामठी तहसील कार्यालय में मुआवजा का टेबल कापसे लिपिक के पास है. उधर, बारिश में विलंब के कारण किसान फिर परेशान है और सूखा पड़ने की आशंका से घबराए हुए हैं.