Published On : Thu, Jul 10th, 2014

खामगांव : मुख्याध्यापकों ने ऐसा ठगा कि शिक्षक को देनी पड़ी जान

Advertisement


आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज, नौकरी के लिए 12 लाख रु. लिए

खामगांव

उंद्री के द्वारकाबाई खेडेकर प्राथमिक शाला के पूर्व शिक्षक अशोक साबले को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में अमडापुर पुलिस ने द्वारकाबाई खेडेकर प्रथमिक शाला के मुख्याध्यापक अवचार और इसी गांव के शहाजी राजे विद्यालय के मुख्याध्यापक अनंता चेके के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उंद्री के इस स्कूल ने साबले को नौकरी दिलाने के नाम पर न सिर्फ उनसे 12 लाख रुपए हड़प लिए, बल्कि 6 साल तक काम भी करवाया और वेतन भी नहीं दिया.

मस्टर रजिस्टर पर दस्तख़त से मनाही
प्राप्त जानकारी के अनुसार खामगांव तहसील के गेरुमटारगांव निवासी अशोक रावसिंह साबले (31) की उंद्री के शहाजीराजे विद्यालय में शिक्षक के पद पर 2009 में नियुक्ति की गई थी. नौकरी के लिए मृतक अशोक ने इस संस्था को 10 लाख रुपए डोनेशन और अन्य खर्च के नाम पर 2 लाख रु. मिलाकर कुल 12 लाख रुपए दिए थे. इस पद को समय पर मंजूरी भी मिल गई. फिर साबले से जाति का वैध प्रमाणपत्र पेश करने को कहा गया. जाति का वैध प्रमाणपत्र देने में विलंब होने पर मुख्याध्यापक अवचार और मुख्याध्यापक चेके ने उन्हें दिलासा दिया. लेकिन, अगस्त 2013 से साबले को स्कूल के मस्टर रजिस्टर पर दस्तख़त करने से मना कर दिया गया.

Gold Rate
16April 2025
Gold 24 KT 95,000/-
Gold 22 KT 88,400/-
Silver / Kg - 96,200/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वीजेए की जगह एस.बी.सी. बताकर फंसाया
बताया जाता है कि मुख्याध्यापक अवचार और चेके ने आपस में सलाह-मशविरा कर साबले को वीजेए (विमुक्त जाति-ए) की जगह एस.बी.सी. (स्पेशल बैकवर्ड कलास) बताकर उनको फंसाया. फिर उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया कि 5 जुलाई तक तुम्हारी स्कूल में हाजिरी लगती रहेगी. मृतक साबले से नौकरी के लिए 2009 में डोनेशन और अन्य खर्च के नाम पर 12 लाख रुपए लिए गए थे. बाद में पद की मंजूरी के लिए 80 हजार रुपए और लिए गए, मगर छह साल में स्कूल ने उन्हें वेतन के नाम पर एक रुपया भी नहीं दिया. ऊपर स्कूल आने-जाने पर 20 हजार रुपए साल का खर्च हुआ सो अलग. लेकिन जब स्कूल को अनुदान मिलने लगा तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.

आत्महत्या से पूर्व लिख रखी थी चिट्ठी
इससे हताश होकर अशोक साबले ने उंद्री के राजे शहाजी विद्यालय के समीप जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना का पता 9 जुलाई को सुबह 11 बजे के करीब चला. अशोक साबले ने आत्महत्या से पूर्व एक़ चिट्ठी लिखकर रखी थी. इस चिट्ठी की प्रतिलिपि आत्महत्या करने के पूर्व अशोक ने जिला पुलिस अधीक्षक, थानेदार, शिक्षणाधिकारी वैरागडे और उंद्री, गेरुमाटरगांव, मोहदरी, आसोला नाईक, वझर, तोरणवाड़ा आदि गांवों के सरपंचों को भी भेजी है. इस मामले की जांच अमड़ापुर के थानेदार निशांत मेश्राम के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक जाधव कर रहे हैं.

12 लाख रुपए वापस दिए जाएं- साबले
अशोक साबले ने आत्महत्या से पूर्व एक़ चिठ्ठी लिखकर रखी थी, जिसमें कहा गया है कि मेरे परिवार पर बड़ा संकट आया है. साबले ने मांग की है कि स्कूल द्वारा डोनेशन और अन्य खर्च के नाम पर लिए गए 12 लाख रुपए उनके परिवार को वापस दिए जाएं. इस स्कूल के खिलाफ ठगी की कार्रवाई कर स्कूल की मान्यता रद्द की जाए. चिट्ठी में लिखा गया है कि स्कूल पर जब तक कारर्वाई नहीं होगी तब तक उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी.

Representational Pic

Representational Pic

Advertisement
Advertisement