Published On : Fri, Jun 20th, 2014

गजानन मंदिर,बाबा शंकर व बजरंगबलि मंदिर अस्तित्व धोखे में !

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कोयला उत्खनन हेतु वेकोलि आम नदी के पात्र से कर रही छेड़छाड़

umred minesनागपुर टुडे
उमरेड शहर सट कर बहने वाली आम नदी के किनारे भरपूर मात्रा में कोयला होने से वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड प्रबंधन ने नदी के तट से छेड़छाड़ करने का सिलसिला शुरू कर दिया है,इससे नदी के निकट पहाड़ी पर स्थित बजरंग बलि,बाबा शंकर और गजानन महाराज का मंदिर का अस्तित्व धोखे में आ गया है.वेकोलि प्रबंधन के उक्त कृतो वजह से श्रद्धालुओं की भावना को ठेस पहुँच रही है.

काला हिरा का खान के रूप में उमरेड देश के नक़्शे पर अपना अलग छाप रखता है.यहाँ कोयले की खान के कारण उमरेड के रहवासियो का रोजगार सम्बन्धी समस्या नहीं उपज पाई.इस खान से लग कर आम नदी बहती है.वर्ष १९६२ से उमरेड में कोयले का उत्खनन शुरू है.अन्य खदानों की अपेक्षा उमरेड खदान का कोयला उच्च गुणवत्ते का है.इस खान के पास ही मकरधोकड़ा इलाके में कोयले की खान है.लेकिन आम नदी के पात्र पर उच्च गुणवत्ता का कोयला मौजूद है.

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इसलिए वेकोलि प्रशासन नदी के पात्र उमरेड-नागपुर राज्य महामार्ग स्थित पल तक अपने सुविधाजनक तैयार कर रही है.इसके पूर्व भी इस प्रकार की छेड़छाड़ की गई थी.लेकिन ठीक से होने कारण बरसात में आई बाढ़ ने खदानों में प्रवेश कर करोडो का कोयला समेत रशियन मशीन डूब गई थी,इस चक्कर में मशीन ऑपरेटर समेत एक इलेक्ट्रीशियन मृत्यु हो गई थी.यह तो अच्छा था कि बाढ़ आने के पूर्व कर्मचारियों की शिफ्ट बदली थी ,दूसरे शिफ्ट कर्मी पहुँच पाये थे.वर्ना १००-१५० कर्मियों को जान गवानी पड़ती। के बाद १ वर्ष तक खदान से उत्खनन नहीं हुआ.इस दौरान यहाँ के कर्मियों को अन्य खदानों में शिफ्ट किये गए थे.

अब पुनः आम नदी के पात्रता से खिलवाड़ हो रही है,इस बार लापरवाही हुई तो नदी के पुल समीप पुरानी बजरंगबलि की की मंदिर है.अगर इस बार बाढ़ आई तो निश्चित ही मंदिर को बहा कर ले जाएगी।इसलिए की यह मंदिर नदी के पात्र पर स्थित है.

खदान से कोयला निकालने के लिए मिटटी निकलनी पड़ती है,इस मिटटी ढेर ने पहाड़ो का रूप धारण कर लिया लिया है.ऐसे ही एक पहाड़ पर गजानन मंदिर सह सभागृह और बाबा शंकर का मंदिर है.दोनों ही मदिरो में बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित की जाती है और हज़ारो श्रद्धालुओं का आवाजाही होता है.लेकिन इस मंदिर मार्ग पर खदानों से निकली मिटटी वेकोलि प्रबंधन ने डलवाई तो मंदिर जाने का मार्ग अवरुद्ध हो गया है.इससे मंदिरो का अस्तित्व खतरे में पड गया है.

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