Published On : Wed, Jul 2nd, 2014

गोंदिया : डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान

Advertisement


गोंदिया

doctar ki hadtal photo
महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित वैद्यकीय अधिकारी श्रेणी-अ संगठन (मैग्मो) के राज्यव्यापी हड़ताल के आह्वान पर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्रामीण अस्पताल एवं जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सा अधिकारी 1 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो गई है.

उपचार के लिए अस्पतालों में आनेवाले मरीजों को डॉक्टरों के न रहने के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ी अस्पतालों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति से परेशान मरीज एवं उनके परिजन उपचार के लिए यहां-वहां भटकते दिखाई पड़े अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए जिले के सभी चिकित्सकों ने जिला परिषद कार्यालय के समक्ष अपनी मांगों को लेकर 1 जुलाई से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि गत 2 जून को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा संगठन के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया गया था कि राज्य के चिकित्सकों की मांगों पर 10 दिन के अंदर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा. लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया. इसलिए 1 जुलाई से राज्य के शासकीय अस्पतालों में कार्यरत सभी चिकित्सकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है.

Gold Rate
Friday 28 March 2025
Gold 24 KT 89,400 /-
Gold 22 KT 83,100 /-
Silver / Kg 101,900 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. मैग्मो के जिलाध्यक्ष डॉ.सी.डब्ल्यू. वंजारे ने बताया कि जिले के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में कार्यरत 182 डॉक्टरों ने शासन की नीति के खिलाफ विरोध स्वरूप अपने पदों से सामूहिक इस्तीफे उन्हें सौंप दिए हैं, जिसे वे आज ही राज्य सोसायटी को भेज रहे है. जिस पर अंतिम निर्णय राज्य सोसाइटी करेगी. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की हडताल से मरीजों को होनेवाली परेशानियों से वे पूरी तरह अवगत है. इसलिए संगठन ने सबसे पहले अपनी मांगों को लेकर गत 26 मई से असहयोग आंदोलन शुरू किया था. 1 जून को सारे राज्य के चिकित्सकों ने मुंबई के आजाद मैदान में आंदोलन किया. 2 जून को संगठन के राज्यस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक मुंबई में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के साथ हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. ढाई घंटे की चर्चा के पश्चात मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर अगले 10 दिनों में निर्णय लेगी. लेकिन 28 जून तक भी कोई निर्णय नहीं लिए जाने के कारण मैग्मो संगठन ने 1 जुलाई से राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हडताल शुरू कर दीया है. उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा शासन को विचार-विर्मशके लिए भरपूर समय दिए जाने के बावजूद उनकी मांगों पर निर्णय न कर शासन ने चिकित्सकों पर अन्याय किया है. चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों को होनेवाली परेशानी के लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेदार है. संगठन की प्रमुख मांगों में अस्थाईएमबीबीएस, बीएएमएस एवं बीडीएस डिग्रीधारक चिकित्सकों को स्थाईरूप से शासकीय सेवा में शामिल करने, केंद्र सरकार एवं अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र के शासकीय अस्पतालों में कार्यरत मेडिकल ऑफीसरों की वेतनश्रेणी निश्चित करने, बीएएमएस चिकित्सकों की पदोन्नति का मामला सुलझाने, मेडिकल ऑफिसरों एवं वरिष्ठ चिकित्सकों के लिए डीएसीपी योजना लागू करने, मेडिकल ऑफिसरों के काम का समय निश्चित करने, स्वास्थ्य विभाग की पुनर्रचना करने एवं एनपीए को ऐच्छिक बनाने आदि मांगों का समावेश है.

Advertisement
Advertisement