ओवरब्रिज पर किया 2 घंटे चक्काजाम
गोंदिया
नगर परिषद खिलाडिय़ों की भावनाओं को नजरअंदाज करते हुए खेल मैदान को विवाह समारोह के लिए उपलब्ध करा देती है और वह आयोजन करनेवाले अपने काम निपट जाने के बाद उस मैदान को वैसे ही छोड़ देते है. नतीजतन खिलाडिय़ों को अपना खेल छोड़ कर बेगारी करने को मजबूर होना पड़ता है. 29 मई को इन खिलाडिय़ों का आक्रोश फुट पड़ा और नगर परिषद के खिलाफ रोष दिखाते हुए वे ओवरब्रिज पर जाकर बैठ गए और दो घंटे तक चक्का जाम कर दिया.
गौरतलब है कि 28 मई को इंदिरा गांधी स्टेडियम में ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह समारोह हुआ. 29 मई को सुबह खेल प्रेमी स्टेडियम पहुंचे तो वहां पड़ी गंदगी को देखकर वे आग बबुला हो गये. यह समस्या बार-बार उत्पन्न हो रही है. एैसा आरोप वहां के खिलाडिय़ों द्वारा लगाया गया. इसी माह बौद्ध सामूहिक विवाह समारोह और अन्य समारोह के दौरान ऐसी ही नौबत आई थी. पिछले कुछ वर्षों से लगातार खेलों के प्रति नगर परिषद की अनास्था को देखकर खिलाडिय़ों का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया. थोड़ी ही देर में अनेकों खिलाड़ी मैदान छोड. कर ओवरब्रिज पर जा चढे. तीव्र रोष दिखाते हुए ओवरब्रिज पर जाकर बैठ गए. इस वजह से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया. दो घंटे तक यह स्थिति बनी रही. खिलाडिय़ों की समस्या यह है कि किसी भी समारोह के बाद मैदान वैसे ही छोड़ दिया जाता है. प्लास्टिक के पत्तल-दोने और ग्लास फेंक दिए जाते है. भोजन फेंक दिया जाता है. यह सारी झूठन खिलाडिय़ों को साफ करनी पड़ती है.
समारोह के लिए बनाए गए पंडाल के गड्ढे वैसे ही छोड़ दिए जाते है. यह गड्ढे खिलाडिय़ों के लिए खतरनाक हो जाते है. 29 मई को सुबह खिलाड़ी जब खेलने पहुंचे तो मैदान में शामियाने अस्तव्यस्त पड़े थे. पूरे मैदान पर डिस्पोजेबल एवं भोजन की सामग्री फैली हुई थी. मैदान पर गंदगी का साम्राज्य था. नतीजतन सुबह 7.45 से 9.45 बजे तक स्टेडियम में खेलने वाले खिलाडिय़ों ने ओवरब्रिज पर धरना देकर चक्का जाम किया. शहर में स्टेडियम के रूप में एकमात्र स्थान खिलाडिय़ों के लिए उपलब्ध है. खिलाडिय़ों के विरोध प्रदर्शन के चलते करीब 2 घंटे यातायात प्रभावित रहा. रेलवे मालधक्के में गोंदिया एफसीआई के लिए गेहूं की रैक लगी थी. माल धक्के से एफसीआईका परिवहन रेलवे ओवरब्रिज से होता है. इस प्रदर्शन के चलते माल धक्के से गेहूं भरकर एफसीआई जानेवाले ट्रकों की लंबी कतार लगी रही. इस प्रदर्शन के चलते परिवहन व्यवस्था भी प्रभावित हुई. ऐसे आयोजनों से खिलाडिय़ों की खेल भावनाएं प्रभावित होती है. शहर में खेल के मैदान भी कम है. अब स्टेडियम को किसी भी आयोजन के लिए किराए पर नहीं दिया जाएगा. 28 मई के आयोजन की अनुमति 3 माह पूर्व दी गई थी. इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता था.