Published On : Fri, Apr 4th, 2014

गढ़चिरोली: भाजपा परेशान, कांग्रेस भी मुश्किल में

Advertisement

 

गढ़चिरोली-चिमुर में नहीं है कुछ भी ठीक

Gadchiroliगढ़चिरोली.

Gold Rate
Wednesday 12 March 2025
Gold 24 KT 86,400 /-
Gold 22 KT 80,400 /-
Silver / Kg 98,300 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

गढ़चिरोली-चिमुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से तीन क्षेत्रों के गोंदिया जिले में आने और इलाके के वरिष्ठ भाजपा नेताओं की कांग्रेस के नेताओं के साथ हो रही ‘ग्रेट भेंट’ ने भाजपा गुट की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हालांकि हालत कांग्रेस में भी कुछ ठीक नहीं है. यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को छोड़ कांग्रेस का एकला चलो अभियान जारी है. चुनाव की तारीख के नजदीक आने के बावजूद राकांपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जारी झगड़े थमने का नाम नहीं ले रहे है.

ग्रेट भेंट ने बढ़ाई भाजपा की चिंता

गढ़चिरोली-चिमुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में गोंदिया जिले के सालेकसा, आमगांव और देवरी भी आते हैं. पिछले पांच साल तक विकास का सपना देखने वाले यहां के नागरिकों का नेताओं से मोहभंग हो चुका है. भाजपा के अनेक नेता सालेकसा, आमगांव और देवरी में सत्ता-सुख भोग चुके हैं,

मगर इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों के गढ़चिरोली-चिमुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने से उनका उत्साह खत्म हो गया है. रही-सही कसर इस क्षेत्र के आरक्षित होने से पूरी हो गई है. अपना वजन बनाए रखने के लिए ही यहां के भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकातों का दौर शुरू कर दिया है. इससे पार्टी में चिंता का वातावरण बना है. हालांकि इन सबसे बेखबर भाजपा का आम कार्यकर्ता मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में लुभाने की कोशिश में जुटा हुआ है.

समन्वय का अभाव

उधर, उम्मीदवारी की घोषणा के दिन से ही कांग्रेस और राकांपा अलग-अलग हैं. कांग्रेस के नेता राकांपा को साथ लेकर चलने में विफल रहे हैं. सालेकसा, आमगांव और देवरी में हुई कांग्रेस की सभाओं में दोनों दलों के बीच समन्वय का अभाव साफ नजर आया. इन तीनों क्षेत्रो में भाजपा प्रचार में काफी आगे निकल गई है, जबकि कांग्रेस नेता राकांपा को छोड़ अकेले ही प्रचार में जुटे हैं. इसके चलते मतदाताओं का समर्थन उतना नहीं मिल रहा जितना मिलना चाहिए था.

 

Advertisement