Published On : Mon, Feb 24th, 2014

घुग्घुस थानेदार की नियुक्ति पर टिकी निगाहें

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घुग्घुस थानेदार की नियुक्ति पर टिकी निगाहें। 

अतिसंवेदनशील क्षेत्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी अहम। 

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सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखना चुनौती।  

Maharashtra-Police

 

घुग्घुस थाने के थानेदार अजित लकड़े का हाल ही में अहमदनगर में तबादला किया गया है।घुग्घुस का नया थानेदार कोन होगा इस ओर सभी की निगाहें टिकी हुई है। थानेदार अजित लकड़े का कार्यकाल काफी  चर्चित रहा है। गौरतलब है की पिछले २ वर्षो में घुग्घुस शहर में गुंडागर्दी, कोल माफिया की सक्रियता काफी बढ़ी है, कोल माफिया के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर यह क्षेत्र काफी संवेदनशील माना जाता है। असामाजिक तत्वो की बढ़ती गतिविधियों को अंकुश लगाने और परिसर में शांति और कानून व्यवस्था स्थापित करने में थानेदार अजित लकड़े को सज्जपूर्ण रूप से सफलता नहीं मिल पायी। उनके तबादले के बाद संवेदनशील क्षेत्र की जिम्मेदारी सक्षम पुलिस अधिकारी को सौपे जाने की नियुक्ति को लेकर चली  अटकलों के बीच दो पुलिस अधिकारियों के नामों की चर्चा आम है। इनमें चरंद्रपूर यातायात पुलिस निरीक्षक पुंडलिक सपकाले और यवतमाल जिले से यहा आए सुधाकर अंभोरें के सामने चल रहा हैं।

जहा तक पुंडलिक सपकाले का सवाल है वें इससे पूर्व भी घुग्घुस थाने की कमान काफी सफलतापूर्वक संभाल चुके है। एक अनुभवी और निर्भीक पुलिस अधिकारी के रूप में अपनी पहचान  रखनेवाले सपकाले का नाम आज भी घुग्घुस वासियों के जनमानस पर छाया हुआ है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल यहा निर्माण किया था और असामाजिक तत्वों के बीच काफी खौफ निर्माण किया था। कर्मठ और तेजतर्रार पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी अपनी अलग पहचान है। वहीं यवतमाल जिले के वणी से चंद्रपुर ट्रान्सफर होकर आए पुलिस अधिकार सुधाकर अंभोरे भी एक कड़क और अनुशासनप्रिय अधिकारी के रूप में छवि रखते है। वणी के अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने अवैध व्यवसायों पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया था।

इन दोनों अधिकारियों के अलावा भी ट्रान्सफर होकर चंद्रपुर में आए पुलिस अधिकारियों में नरुमनी तांडी , किशोर नगराले , मल्लिकार्जुन इंगले , संपत चव्हाण का समावेश है जिनमें किसी एक को घुग्घुस थाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। जो भी यहां थाने की जिम्मेदारी संभालेगा उसके लिए कोल माफिया के बढ़ते वर्चस्व, गुंडागर्दी, अवैध व्यवसाय पर अंकुश लगाने के साथ – साथ सांप्रदायिक सद्‌भाव की स्तिथि निर्माण करने की सबसे बड़ी चुनौती होगी।    

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