डिमांड तक भर दिया, चिमुर तालुके की घटना
चंद्रपुर
चार साल हो गए, मगर महावितरण कंपनी ने चिमुर तालुका के 351 किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन नहीं दिया है. इन किसानों ने वर्ष 2010 में बिजली कनेक्शन के लिए महावितरण कंपनी का डिमांड भरा था. चार साल में हर बार बस यही कहा जाता रहा-कनेक्शन जोड़ने का काम जारी है. इसके चलते किसान सिंचाई सुविधा से वंचित हैं, जिससे कृषि उत्पादन में कमी आई है और किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
महावितरण कंपनी का भी मजाक
पिछले कुछ सालों से किसान हर साल अकाल, अतिवृष्टि और फसलों पर बीमारियों जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इन आसमानी और सुल्तानी संकटों के चलते किसानों की कमर टूट गई है. इससे न तो पर्याप्त फसल हो पा रही है और न ही लागत खर्च ही निकल पा रहा है. फसल हो भी गई तो सरकार गारंटी मूल्य नहीं देती. इस तरह दोहरे-तिहरे संकट में फंसे किसानों के साथ महावितरण कंपनी ने भी मजाक ही किया है.
2014 में डिमांड भरनेवाले किसानों का क्या होगा
वर्ष 2010 में चिमुर तालुका के 14 किसानों ने कृषि पंप को बिजली देने के लिए महावितरण को आवेदन किया था. वर्ष 2011 में 40, 2012 में 169 और 2013 में 28 किसानों ने कृषि पंप बिजली कनेक्शन के लिए डिमांड भरा. लेकिन आज तक किसानों के कृषि पंपों तक बिजली पहुंची नहीं. 2014 में डिमांड भरनेवाले किसानों की सूची तो अलग ही है.
उप अभियंता से पूछताछ
इस संबंध में जब राष्ट्रवादी किसान सभा के जिलाध्यक्ष सुरेश रामगुंडे ने महावितरण कंपनी चिमुर के उप अभियंता से मुलाकात कर उनसे पूछताछ की तो बताया गया कि बिजली कनेक्शन का काम फ़िलहाल चल रहा है. लेकिन सवाल यह है कि क्या 351 बिजली कनेक्शन के लिए चार साल का वक्त लगता है?
नागपुर की कंपनी को ठेका
रामगुंडे ने एक पत्र परिषद में बताया कि महावितरण ने इससे पूर्व नागपुर की एक कंपनी को बिजली कनेक्शन का ठेका दिया था, मगर कंपनी बिजली कनेक्शन का काम कर ही नहीं सकी. जिसके चलते सारा काम प्रलंबित रह गया. उन्होंने कहा कि महावितरण को कोई हल तो खोजना चाहिए था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. पिछले दो सालों से किसान अतिवृष्टि का सामना कर रहे हैं. अतिवृष्टि से पूरी फसल ही नष्ट हो गई. पानी के अभाव में खरीफ के साथ ही रबी की फसल भी चौपट हो गई. इसके चलते किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
30 जुलाई तक कृषि पंपों को बिजली दें
राष्ट्रवादी किसान सभा के जिलाध्यक्ष सुरेश रामगुंडे ने महावितरण से मांग की कि 30 जुलाई तक इन किसानों के कृषि पंपों तक बिजली पहुंचा दी जाए, ताकि रबी की फसल के लिए तो किसान सिंचाई का उपयोग कर सकें. रामगुंडे ने इस संबंध में उपमुख्यमंत्री अजित पवार से भेंट की है. उन्होंने तत्काल कनेक्शन देने का आदेश जारी भी किया है. अधीक्षक अभियंता गजभे ने रामगुंडे से कहा कि तत्काल बिजली कनेक्शन के लिए कुछ माह का वक्त दिया जाए. पत्र परिषद में पूर्व जिलाध्यक्ष वामनराव झाड़े, डी.के. आरीकर, देव कन्नाके, संजय पिंपलकर आदि उपस्थित थे.