40 साल पुरानी मस्केट बंदूक के होने का अनुमान
चंद्रपुर
स्थानीय चंद्रपुर रेलवे स्टेशन स्थित रेलवे मालधक्का लाइन के पास से बहने वाले नाले ने 138 कारतूस उगले हैं. इस घटना से चंद्रपुर शहर व पुलिस विभाग में खलबली मच गई है. रामनगर व शहर पुलिस ने घटनास्थल से ये कारतूस अपने कब्जे में ले लिए हैं. पुलिस का अनुमान है कि ये कारतूस 30-40 साल पहले इस्तेमाल की जाने वाली मस्केट बंदूक के हो सकते हैं. इन कारतूसों के रेलवे स्टेशन परिसर में मिलने से रेलवे स्टेशन की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान लग गए हैं.
मछली पकड़ने वाले युवकों को दिखे
स्थानीय चंद्रपुर रेलवे स्टेशन परिसर में रेलवे मालधक्का लाइन के पास से एक नाला गुजरता है. यह नाला सीधे दूध डेयरी मार्ग से होते हुए रामाला तालाब से जुड़ा है. इसी नाले में आज जलनगर परिसर के कुछ युवक मच्छी पकड़ रहे थे. इसी दौरान उन्हें चार से पांच कारतूस दिखाई दिए. उनके ध्यान में यह बात आते ही कि ये बंदूक की गोलियां हो सकती हैं, युवक इस इलाके में स्थित एक पान टपरी पर चार से पांच कारतूस लेकर गए. पान टपरी वाले ने तत्काल शहर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी.
पुलिस की तत्परता
पुलिस भी बिना देर किए पहुंच गई. घटनास्थल के रामनगर पुलिस की सीमा में आने के कारण रामनगर पुलिस को बुलाया गया. पुलिस निरीक्षक गिरी व उनके सहयोगियों ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की. कुछ दिखाई नहीं देने पर मछली पकड़ने वाले युवकों को फिर से नाले में उतारा गया. कारतूस निकालना शुरू हुआ. और संख्या बढ़ते-बढ़ते 138 तक पहुंच गई. इसके बाद ही नाले ने कारतूस उगलना बंद किया.
मिलते रहे हैं कारतूस
रामनगर पुलिस ने सारे कारतूस जब्त कर लिए हैं. मामला भी दर्ज किया गया है.
पुलिस का कहना है कि ये कारतूस 40 वर्ष पूर्व उपयोग में लाई जाने वाली मस्केट बंदूक के हैं. पिछले 4-5 सालों से लगातार चंद्रपुर शहर में रामाला तालाब, बस स्टैंड परिसर में ये कारतूस मिलते रहे हैं. नागरिकों के मन में इसे लेकर जहां तरह-तरह के सवाल हैं, वहीँ पुलिस की कार्यक्षमता पर भी प्रश्नचिन्ह उठने लगे हैं.