आश्रमशाला में 8 वीं के छात्र की डेंगू से मृत्यु
तुमसर (भंडारा)
फिर एक बच्चा एक आश्रमशाला के प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो गया. इस दफा आश्रमशाला थी पवनारवारी की इंदिराबाई मरसकोल्हे आश्रमशाला, जहां 8 वीं कक्षा के एक बच्चे रोहित सलामे की डेंगू से मौत हो गई. वह 6 दिन से बीमार था, मगर मुख्याध्यापक ने उसकी तरफ ध्यान ही नहीं दिया. इस आश्रमशाला में यह चौथी घटना है. जिला परिषद सदस्य अशोक उइके ने इस आश्रमशाला की मान्यता रद्द कर उसे बंद करने की मांग की है.
न साफ-सफाई, न पोषक आहार
प्राप्त जानकारी के अनुसार तुमसर शहर से कोई 20 किलोमीटर दूर आदिवासी इलाके में पवनारवारी गांव में इंदिराबाई मरसकोल्हे आश्रमशाला स्थित है. इस आश्रमशाला में 200 विद्यार्थियों को किसी तरफ रखा जाता है. आश्रमशाला में न तो सफाई की कोई व्यवस्था है और न ही पोषक आहार ही बच्चों को दिया जाता है.
6 दिन रहा बीमार
ऐसे ही माहौल में आश्रमशाला की आठवीं कक्षा का 14 वर्षीय छात्र रोहित सलामे 27 अगस्त को बीमार हो गया. इसकी जानकारी प्रकल्प अधिकारी को दिए बगैर उसका उपचार किया जाता रहा. तबियत ज्यादा ख़राब होने पर उसे तुमसर के कोडवानी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 4 दिन के इलाज के बाद पता चला कि उसे डेंगू है. डॉ. कोडवानी ने रोहित को नागपुर भेजने की सलाह दी. उसे नागपुर के मिडास हॉस्पिटल में दाखिल किया गया, जहां पहली सितंबर को रोहित की मृत्यु हो गई.
अब तक चार बच्चों की मौत
बताया जाता है कि रोहित के बीमार होने के बाद भी मुख्याध्यापक और संचालक ने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया था. जिला परिषद सदस्य अशोक उइके ने आरोप लगाया है कि आश्रमशाला केवल अनुदान हड़पने के लिए बनाई गई है और यहां आदिवासी बच्चों की बलि ली जा रही है. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व इसी आश्रमशाला में 3 विद्यार्थियों की मृत्यु हो चुकी है. एक बच्चे को सांप ने काट लिया तो दूसरे की जलने से मौत हो गई. तीसरा बच्चा पानी में डूबने से जान गंवा बैठा था.
उइके के सवाल
उइके ने प्रकल्प अधिकारी हरिकिसन मडावी से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की है. साथ ही उनकी मांग है कि मान्यता रद्द कर इस आश्रमशाला को बंद कर दिया जाए. उइके ने सवाल उठाया है कि इस आश्रमशाला में कक्षा 8 वीं की अनुमति नहीं होने के बावजूद 8 वीं कक्षा शुरू की गई. उन्होंने इसकी भी जांच करने की मांग की है.