Published On : Tue, Mar 25th, 2014

दहेगांव रंगारी: सरपंच अर्चना चौधरी को घूस देने वाले रंगेहाथ गिरफ्तार

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वर्षो बाद एंटी करप्सन ब्यूरो ने लगाया ‘रिवर्स ट्रेप’ 

दहेगांव रंगारी की सरपंच अर्चना चौधरी को 50 हजार रुपए की घूस देनेवाले निजी बिजली कंपनी के मैनेजर सहित तीन कर्मचारियों को एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी) ने रंगे हाथ पकड़ा है. घूस देनेवालों को ही हवालात पहुंचाए जाने का मामला काफी समय बाद दर्ज हुआ है. आरोपी मैनेजर दीपक रमेश डाहोडे, सातारा, लेखापाल अमोल महादेव कोरडे, पुणे तथा उमेश भोलाजी चिखले, लोणारा है.

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मामला यूं है कि पुणे की बी.जी. शिर्के एंड कंपनी को लोणार में बिजली के टॉवर लगाने का ठेका मिला है. इस कार्य के लिएकंपनी को ग्राम पंचायत के अनापत्ति प्रमाणपत्र की जरूरत थी. एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी)  को मिली शिकायत के अनुसार बी.जी. शिर्के एंड कंपनी के कर्मचारी आरोपियों ने श्रीमती चौधरी से संपर्क किया. श्रीमती चौधरी ने आचार संहिता लागू होने से अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में असर्मथता जता दी. इसके बाद आरोपियों ने श्रीमती अर्चना चौधरी के पति एनसीपी नेता किशोर चौधरी से संपर्क किया. उन्हें 50 हजार रुपए की घूस देने की पेशकश करते हुए काम होने पर इससे अधिक राशि देने की इच्छा जाहिर की.
घूस लेने की इच्छा नहीं होने से श्रीमती अर्चना चौधरी ने एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी)  को शिकायत की. इस आधार पर एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी)  ने आरोपियों को पकडने की योजना बनाई. आरोपियों ने सोमवार की शाम 5 बजे श्रीमती अर्चना चौधरी को सीताबर्डी के एक रेस्टारेंट में बुलाया. तय योजना के अनुसार एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी)  दल भी वहां पहुंच गया. उसने आरोपियों को घूस देते हुए पकड लिया. यह अपने तरह का यह मामला कई दिनों के बाद सामने आया है जिसमे घूस देनेवाले को पकड़ा गया है. एंटी करप्सन ब्यूरो (एसीबी)  की भाषा में इसे ‘रिवर्स ट्रेप’ कहा जाता है. यह कार्रवाई अधीक्षक निशिथ मिश्र, उप अधीक्षक वसंत शिरभाते के मार्गदर्शन में निरीक्षक अशोक साखरकर, किशोर पर्वते, कर्मचारी कोमल गुजर, शेखर ढोक, सुभाष तान्होलाकर आदि  ने की.

 

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