पिने के पानी को तरस रहे आदिवासी
धारणी
ग्रीष्मकाल में पानी की समस्या बड़े पैमाने में मेलघाट में निर्माण होती ही रहती है. लेकिन अगस्त माह में भी कुछ ग्रामों को पानी के आभाव से परेशानिया हो रही है. धारणी मुख्यालय से महज 3 कि.मी. दुरी पर मांडवा गांव में पिने के पानी के अभाव से आदिवासी जुझ रहे है. गंदा पानी पिने के लिए मजबुर यह आदिवासी किसी भी समय घातक बिमारियो की चपेट में आ सकते है. मेलघाट में अधिकारी और कर्मचारी को अतिरिक्त काम करने के लिए मुआवजा दिया जाता है. इसके बावजूद भी वो अपनी जबाबदारी से कतरा रहे है. मांडवा गांव की ग्रामपंचायत भंगार अवस्था में देखी जा रही है. साथ ही अधिकारी भी बेपता हो गए है. गांव में भीषण पानी के अभाव का आलम है. आदिवासी नदी, नाले और खेतो के कुओं से पिने का पानी तलाश रहे है. आदिवासियों के आरोग्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.