नरखेड
गांव-गांव में बैंकों की शाखाऐं खोलने के लिए सरकार प्रयासरत है. दरअसल बैंकों के माध्यम से किसानों को क़र्ज़ से लेकर पेंशन सुविधाऐं पहुंचाई जाती है लेकिन नरखेड बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा व्यवस्थापन की ओर से ग्राहकों को सुविधाएं प्रदान करना तो दूर बल्कि उनकी सिरदर्दी बढ़ गई है.
शाखा से चार बड़े ग्राहक जुड़े थे और व्यवहार सुचारू रूप से चल रहा था लेकिन उनका आरोप है की जब से शाखा व्यस्थापन की कमान पौनिकार ने संभाली है तभी से इन ग्राहकों को सुविधाएं मिलना बंद हो गई हैं. नतीजा ये हुआ की इन ग्राहकों ने अपने खाते बंद करवा दिए जिससे बैंक को तकरीबन 2 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्राहकों का ये भी आरोप है की जोनल कार्यालय में भी कई बार शिकायत की गई लेकिन फिरभी कोई फायदा नहीं हुआ. की मांग है की शाखा व्यस्थापक पौनिकार का स्थानांतरण जल्द किया जाए.
जानकारी है की किसानों को क़र्ज़ माफ़ी की महज़ 42 लाख रकम बाटी गई जबकी इसके लिए 2 करोड़ रूपए आए थे. बाकी पैसा लौटाए जाने की जानकारी आ रही है.