Published On : Fri, Jun 6th, 2014

नागपुर : दत्ता मेघे परिवार का भाजपा प्रवेश टला

Advertisement


आज था मुहूर्त, गडकरी की दिल्ली में व्यस्तताएं बनीं कारण

नागपुर

Datta-Meghe
केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के आकस्मिक निधन के चलते कांग्रेस के पूर्व सांसद दत्ता मेघे का भाजपा-प्रवेश टल गया है. मेघे आज 6 जून को भाजपा में प्रवेश करने वाले थे, लेकिन अब इस कार्यक्रम को टाल दिया गया है. मेघे का भाजपा-प्रवेश निश्चित है, लेकिन कब होगा यह तो समय ही बताएगा. मेघे के निकटवर्ती सूत्रों की मानें तो मेघे लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में प्रवेश करने वाले थे. मेघे ने इन चर्चाओं का कभी खंडन भी नहीं किया. इसलिए मेघे का भाजपा-प्रवेश निश्चित माना जा रहा है. आज 6 जून को मेघे का भाजपा में विधिवत प्रवेश होना था, लेकिन मुंडे की अचानक मृत्यु के कारण नितिन गडकरी की दिल्ली में व्यस्तताएं बढ़ गईं और मेघे का भाजपा-प्रवेश टल गया.

Gold Rate
19 April 2025
Gold 24 KT 95,800 /-
Gold 22 KT 89,100 /-
Silver / Kg - 96,300 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

कभी थे पवार के बेहद करीबी
राजनीतिक गलियारों में दत्ता मेघे को एक ज़माने में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सुप्रीमो शरद पवार का एकदम करीबी माना जाता था. लेकिन, समय बदलता गया. राकांपा में युवाओं का प्रभाव बढ़ता गया और मेघे को युवाओं ने किनारे कर दिया. इससे क्षुब्ध मेघे राकांपा छोड़ कांग्रेस में आ गए. फिर लोकसभा चुनाव के वक़्त वर्धा के कांग्रेसियों के विरोध के कारण मेघे को लोकसभा चुनाव का टिकट प्राप्त करने में नाना प्रकार की अड़चनें आईं. तब मुकुल वासनिक ने मेघे की क्षमताओं को भांपते हुए उन्हें सोनिया गांधी से मिलवाकर उनका टिकट पक्का करवाया. मुकुल के विश्वास पर मुहर लगाते हुए मेघे वर्धा से लोकसभा चुनाव तो जीत गए, लेकिन वर्धा के कांग्रेसियों ने मेघे को सताना नहीं छोड़ा और हालत ऐसी पैदा कर दी कि उन्हें राजनीति को त्यागने पर ही मजबूर कर दिया.

सागर को भी नहीं बख्शा
फिर मेघे ने स्वयं लोकसभा चुनाव न लड़ने की घोषणा की और अपने बड़े पुत्र सागर के लिए टिकट मांगा. लेकिन कांग्रेसियों का दूसरा गुट फिर मैदान में आ गया. कहा गया कि कांग्रेस का संगठन चुनाव जीतने पर ही सागर को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया जाए. सागर ने चुनौती स्वीकार की, संगठन का चुनाव जीता, मगर वर्धा के लोकल कांग्रेसियों ने मेघे पुत्र सागर को अच्छे -खासे मतों से हरवाकर घर भिजवा दिया. कांग्रेसियों की इसी नीति से क्षुब्ध मेघे ने अपने परिवार सहित भाजपा में प्रवेश करने का निर्णय लिया और उससे गडकरी को अवगत करा दिया. आज शुक्रवार को भाजपा-प्रवेश का मुहूर्त तय था, लेकिन मुंडे के निधन से मामला टल गया.

गडकरी-मेघे में वर्षों पुराना नाता
भाजपा नेता गडकरी से मेघे परिवार का वर्षों पुराना नाता है. गडकरी के प्रयासों से ही सागर मेघे भाजपा कोटे से विधान परिषद पहुंचे थे. लेकिन इससे दत्ता मेघे को राजनीतिक अड़चनों का सामना करना पड़ा. इसके चलते सागर ने विधान परिषद से त्यागपत्र देकर भाजपा को भी त्याग दिया था. इसके अलावा मेघे के दूसरे पुत्र समीर के यूथ कांग्रेस का शहराध्यक्ष होने के बावजूद यूथ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष विश्वजीत कदम द्वारा उन्हें हमेशा नज़रअंदाज़ किया जाता रहा.

मेघे बन सकते हैं राज्यपाल
भाजपा सूत्रों की मानें तो मेघे परिवार के भाजपा में प्रवेश करते ही आगामी विधानसभा चुनाव में समीर या सागर में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है. दत्ता मेघे को किसी राज्य का गवर्नर अथवा डेपुटी गवर्नर बनाया जा सकता है. इससे कट्टर और महत्वाकांक्षी भाजपाई चिंतित बताए जाते हैं.

Advertisement
Advertisement