‘ विद्या की नगरी ‘ के रूप में विख्यात और शिक्षा के क्षेत्र में इस नगरी की प्रगती संस्मरणीय है। प्रावीण्य व गुणों की परंपरा यहां के विद्यार्थीओं ने निर्माण की है। यह ब्रह्मपुरी वासियों के लिए गर्व की बात है। ये परंपरा निर्माण करने में ख्रिस्तानंद विद्यालय अग्रणी है। इस बार भी विद्यालय का परिणाम १०० प्रतिशत आया है। गत २४ वर्षों से विद्यालय ने ये परम्परा कायम राखी है ये इनका अभूतपूर्व यश ही माना जायेगा। विद्यालय तालुका में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने वाली एक मात्र स्कूल है।
इस संस्था की स्थापना १९७५ में हुई थी १९८९ में इस विद्यालय की पहली टुकडी माध्यमिक शाला के परीक्षा में बैठी उस पहली टुकड़ी का भी १०० प्रतिशत परिणाम आया था और वही परंपरा आज तक कायम है गुणवत्ता और विद्यार्थिओं के विकास को ध्यान में रखते हुए ख्रिस्तानंद विद्यालय ने नागपुर विभाग में अपनी एक अलग पहचान निर्माण की है। विविध विषय में प्रावीण्य और गुण प्राप्त कर के अनेक प्रकार की स्कोलरशिप व इनाम पाये है।
आज के युग में ज्ञान – विज्ञानं, तंत्रज्ञान तथा संगणक के युग है। विज्ञानं क्षेत्र के विविध उपक्रमो को विद्यालय द्वारा संचालन किया जाता है। इसके लिए विद्यालय में चार प्रयोग शाला निर्मित की गई है। विज्ञानं प्रदर्शनी में इस विद्यालय का सहभााग बहुत उम्दा होता है। विशेष बात ये है की अ. भा. विज्ञानं सम्मलेन में इस विद्यालय के प्रतिनिधित्व से विद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर पहुचा है।
”विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास ” ये इस संस्था का लक्ष्य व आदर्श वाक्य है। केवल शैक्षणिक ही नहीं क्रीड़ा व सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी विद्यालय प्रगतिपथ पर है। बास्केटबॉल में विद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर पहुची है। इसी तरह सांस्कृतिक क्षेत्र में विद्यालय ने उम्दा प्रगती की है। संस्था ने कार्यक्रमों के लिए भव्य सभागृह भी निर्मित किया है।
सभी सुविधाओं से विद्यालय परिपूर्ण है। पुस्तकालय में ग्रंथसंपदा ( किताबे ) है। विद्यालय का बैंडपथक तो नगरवासियों का आकर्षण बना है। इस संस्था के प्रगती में अध्यक्ष पुज्यनिय रेव्ह बिशप विजयानंदजी, व्यवस्थापक रेव्ह फादर मैथ्यू नीरप्पेल और प्राचार्य सिस्टर नव्या इनका महत्वपूर्ण सहयोग है।