भंडारा
शहर के नगर परिषद में एकीकृत झोपड़पट्टी विकास योजना (आईएचएसडीपी) अंतर्गत घरकुल निर्माण करने वाले ठेकेदार के साथ आपसी सहमति से नगर परिषद अध्यक्ष और मुख्याधिकारियों ने करोड़ों का घोटाला करने का आरोप न. प. के पदाधिकारियों ने लगाया. इस की तुरंत जाँच करने की मांग जिलाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को निवेदन द्वारा भेजा.
नगर परिषद के अंतर्गत शहर के एकीकृत गृह निर्माण झोपड़पट्टी विकास योजना में घरकुल निर्माण करने वाले अकोला के ठेकेदार रामदेव बाबा चैरिटेबल सोसाइटी को ठेका दिया गया. इसमें प्रथम चरण में 1169 घरकुल मंजुर किये गए थे. लेकिन इसमें 700 घरकुल लाभार्थि यों मिले। लेकिन ठेकेदार ने पुरे घरकुल का सर्वे करने का रिपोर्ट शासन को सौपकर 469 घरकुल की रकम हड़प कर ली. इसीप्रकार दूसरे चरण के घरकुल निर्माण में 1544 घरकुल के निर्माण करना था. यहाँ सिर्फ 326 घरकुल का निर्माण करके 389 घरकुल का कार्य शुरू होने के फर्जी रिपोर्ट शासन को देकर करोडो रकम हड़प कर ली.
महाराष्ट्र नगर परिषद, नगर पंचायत और औद्योगिक नागरी अधिनियम 1965 के सभी प्रावधान के तहत कार्य पूरा होने के पहले भुगतान नहीं किया जाता लेकिन न.प.अध्यक्ष और मुख्याधिकारीयों के आपसी सहमत से भंडारा नगर परिषद ने 50 लाख रुपये अतिरिक्त रकम(व्हाउचर क्र.328, 31 मई 2014 को) रामदेव बाबा चैरिटेबल सोसाइटी को दि थी.
सदर गृहनिर्माण योजना में रामदेव बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट और नगर परिषद अध्यक्ष तथा मुख्याधिकारियों ने सहमत होकर करोडो का भ्रष्टाचार किया गया. एजेंसी द्वारा निर्माण किये मकान भी कम दर्जे के है ऐसी शिकायत भी जिला प्रशासन के पास प्राप्त हो रही है. निर्माण कार्य करने वाली रामदेव बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नागरिकों को फसाया जा रहा है. इस घटना की शिकायत नागपुर जिला के नरखेड नगर परिषद ने दर्ज की गयी थी और ठेकेदार को गिरफ्तार किया गया था.इसतरह के वृत भी प्रसार माध्यम से प्रकाशित हुए थे.ठेकेदार को काली सूचि में डालकर इस घटना की जाँच करके न.प. अध्यक्ष और मुख्याधिकारियों की जाँच करे अन्यथा बड़ा जनआंदोलन किया जायेगा ऐसा इशारा जिलाधिकारियों के मार्फ़त मुख्यमंत्री को भेजे निवेदन में कहा गया. निवेदन न.प.सदस्य धनराज साठवणे, सुर्यकांत इलमे,सुनील साखरकर,रूबी चढ्ढा, संजय मते, शंकर मानापुरे आदि ने किया.