आर्थिक परेशानियां बढ़ीं, कर्मचारी आंदोलन के मूड में
मूल.
सरकार की नीति तो है कि शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को वेतन मिल जाना चाहिए. यही आदेश भी है, मगर इस आदेश का पालन बहुत कम हो पाता है. मूल पंचायत समिति के तहत आनेवाले प्राथमिक शिक्षकों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है. इसके चलते शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अखिल प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र लेनगुरे ने प्रशासन से तत्काल दो माह की तनख्वाह देने की मांग की है.
श्री लेनगुरे ने बताया कि शिक्षकों की अनेक समस्याएं प्रलंबित हैं. इन समस्याओं को हल करने के संबंध में समस्या निवारण समिति की सभा बुलाने की मांग को लेकर पंचायत समिति के संवर्ग विकास अधिकारी व गट शिक्षणाधिकारी को 18 फरवरी को एक पत्र दिया गया था, मगर इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया. अब विभिन्न संगठन आंदोलन के बारे में विचार कर रहे हैं.
महत्त्वपूर्ण महीना
मार्च का महीना महत्त्वपूर्ण माना जाता है. इसी महीने बच्चों की स्कूल की फीस, घर टैक्स, पानी कर और इनकम टैक्स के साथ ही शादी – ब्याह के खर्चे भी मुंह बाये खड़े रहते हैं. ऐसी स्थिति में दो माह से वेतन नहीं मिलने से शिक्षक आर्थिक परेशानियों में फंस गए हैं. वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ करने पर बताया जाता है कि वेतन ऑनलाइन दिया जाएगा, इसलिए रोका गया है. लेकिन पड़ोस के सावली तालुका में शिक्षकों को फरवरी के वेतन का भुगतान कर दिया गया है और मार्च का वेतन बस मिलने ही वाला है. पंचायत समिति के अन्य कर्मचारियों को भी मार्च माह का वेतन नहीं मिला है.