Published On : Sat, May 10th, 2014

वरोरा : बढ़ जाएगी कक्षाएं, पर नुकसान में तो बच्चे ही होंगे

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वरोरा

जिन गांवों के जिला परिषद स्कूलों में चौथी तक की कक्षाएं हैं वहां पांचवी क़ी और जहां सातवीं तक़ क़ी पढ़ाई होती है वहां आठवीं की कक्षाएं शुरू की जाएंगी. सर्वशिक्षा अभियान के तहत यह आदेश दिया गया है. इस सरकारी आदेश से निजी शालाओं पर विपरीत परिणाम पड़ने की आशंका जताई जा रही है.

वरोरा तालुका में कक्षा 1 से 4 तक के 110 स्कूल हैं, जबकि ऐसे स्कूलों की संख्या 45 है जहां 5 वी से 7 वी तक की पढाई होती है. तालुका में ऐसे स्कूलों की संख्या 15 से अधिक है जहां ८ वी कक्षा जोड़ी जाएगी, जबकि 35 से अधिक स्कूलों में 5 वी की पढ़ाई शुरू की जाएगी. इससे निजी स्कूलों की कक्षाओं पर भारी असर पड़ेगा.

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सरकार की ‘शिक्षा का अधिकार नीति’ के अंतर्गत जिन स्कूलों में 4 थी कक्षा तक पढ़ाई होती है वहां एक किलोमीटर के दायरे में कक्षा 5 की कक्षा होना जरूरी है. ऐसी कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या 20 से कम होने पर वहां 5 वी कक्षा चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी. उसी तरह जिन गांवों में 7 की कक्षा होगी वहां 3 किलोमीटर के क्षेत्र में अगर कोई निजी स्कूल है और हर कक्षा में विद्यार्थियों क़ी संख्या 30 से कम होगी तो वहां 8 वी कक्षा की अनुमति नहीं मिलेगी.

मजे की बात यह है कि जिन स्कूलों में 5 वी और 8 वी की कक्षाएं खुलेगी वहां अतिरिक्त शिक्षकों की अनुमति नहीं मिलेगी. इसका परिणाम यह होगा कि शिक्षकों का कार्यभार बढ़ जाएगा. अंततः नुकसान विद्यार्थियों का ही होगा.

Representational Pic

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