वाशिम
जिले के शासकीय कार्यालय के पुराने दस्तावेज का अभी डिजिटलाइजेशन करने का निर्णय लिया गया है. पंद्रह दिन पूर्व इस उपक्रम की प्रायोगिक तत्व पर शुरुआत की गयी. डिजिटलाइजेशन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण और पुराने दस्तावेजों की स्कैनिंग शुरू हो गयी है.
जिले के नागरिकों को अपने पचास से सौ सालपूर्व के दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है. साधारण तौर पर पचास साल पहले के उत्पन्न के दाखिले की जरुरत पड़ती है. उसके प्रति अथवा अभिलेख लेने के लिए नागरिकों का हाल बेहाल होता है. पुराने कागजात उपलब्ध नहीं है ऐसा कर्मचारियों की ओर से कहा जाता है. क्योंकी पुराने कागजात जीर्ण अवस्था में होने से टुकड़े होते है. ऐसे ही कागजों का अब डिजिटलाइजेशन तंत्र का उपयोग जिला के शासकीय कार्यालय में होगा. इस उपक्रम में केंद्र और राज्य शासन पचास-पचास प्रतिशत खर्च का सहयोग करेंगे. राज्य में 28 करोड़ रूपये ख़र्च करके जिले के पुराने दस्तावेजों की स्कैनिंग की जाएगी. इस उपक्रम का कार्य दो कंपनियों को को दिया जायेगा और शासकीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
क्या है यह डिजिटलाइजेशन
स्कैनिंग किये कागजात को सूचीबद्ध तरीके से सोफ्टवेअर में लोड किया जाएगा. मुल कागजात और स्कैनिंग में क्रॉस चेक होगा और उसे क्रमांक देकर रेकॉर्ड रूम के संगणक पर तथा जिले के डेटा बॅक में रेकॉर्ड रखा जाएगा. इससे जानकारी मांगनेवालें व्यक्ति को तुरंत जानकारी उपलब्ध होगी.
दस्तावेजों की स्कैनिंग शुरू
वाशीम जिले का निर्माण सन 1998 में हुआ था. तबसे लेकर आज तक तथा उसके पूर्व के सभी रेकॉर्ड की स्कैनिंग की शुरुवात हो गयी है. शासन की ओर से निर्धारित किये कंपनी के प्रतिनिधी प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारीयोंको प्रशिक्षण दे रहे है. जिले में कामगारों के लिए स्वतंत्र रेकॉर्ड रूम का निर्माण किया गया है.
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