सिंदखेड़राजा
पंढरी के विठुराया के दर्शन कर पंढरपुर से 12 जुलाई को निकली संत गजानन महाराज पालकी शेगांव के बुलढाणा जिले के मातृतीर्थ सिंदखेड़राजा शहर में प्रवेश करते ही नगर पालिका के तत्वावधान में ‘श्री’ की पालकी का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान पटाखे फोड़े गए, आतिशबाजी की गई. सैकड़ों वारकरियों द्वारा बजाए जा रहे ताल-मृदंग की आवाज से मातृतीर्थ गूंज उठा. पालकी शुक्रवार को शहर में आई.
आषाढ़ी एकादशी को काला का कीर्तन कर संत गजानन महाराज की पालकी पंढरपुर से शेगांव के लिए निकली थी. करीब 600 वारकरी ताल-मृदंग, पताका और घोड़ों के साथ ‘जय हरि विद्ठल और गण-गण गणात बोते’ का जयघोष करते हुए, भजन-अभंग गाते हुए जालना-नाव्हा मार्ग से जिले की सीमा पर मालसावरगांव पहुंचे. पालकी के स्वागत के लिए हजारों भक्तगण वहां पर हाजिर थे. इस अवसर पर हभप जगणमामा शहाणे, भगवानराव सातपुते, हभप तुलसीदास चौधरी ने पालकी का दर्शन कर वारकरी, विणेकरी और तालकरी का स्वागत किया. पालकी का सिंदखेड़राजा के जीजामाता विद्यालय में मुकाम रहा.
पालकी का सिंदखेड़राजा में प्रवेश होते ही नगराध्यक्ष नंदाताई मेहेत्रे और विष्णु मेहेत्रे ने ‘श्री’ का पूजन कर वारकरियों का स्वागत किया. पालकी के आगमन का निमित्त साध शहर में जगह-जगह पर स्वागत-द्वार बनाए गए थे. रास्तों पर रांगोली बनाई गई थी. तहसीलदार संतोष कणसे ने भी पालकी का स्वागत किया. इस अवसर पर पुलिस ने चाक-चौबंद बंदोबस्त किया था. रात में रामेश्वर मंदिर पर शहरवासियों की ओर से वारकरियों के भोजन की व्यवस्था की गई.