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नागपुर: महामार्ग पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर नकेल कसने के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायलय ने महामार्ग से ५०० मीटर के भीतर आनेवाले सभी शराब बिक्री केंद्रों को बंद कर दिया गया था। इसमें बियर बार, बियर शॉपी, देशी थोक-चिल्लर शराब की दुकानें आदि का समावेश था। देश भर के साथ जिला प्रशासन ने भी इस आदेश को १ अप्रैल से ही लागू कर दिया था। जिसके बाद से अब तक देशी शराब की बिक्री में १० %, मविदेशी शराब १३.३३%, बियर १५% और वाइन की बिक्री में ५.५३% की कमी आई है। सुको के बंदी का असर शराब उत्पादकों पर भी पड़ा है.
जिला आबकारी विभाग के अनुसार इस घाटे को २-३ माह में पाटा जा सकता है। क्योंकि पीने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि तीव्रता बढ़ गई है। बिक्री पर असर इसलिए भी हो रहा है क्योंकि जितने भी वाइन शॉप व बार खुले हैं उनके पास कर्मियों की कमी और परोसने की क्षमता अधिक नहीं है। अगर यही आलम रहा तो चालू बार, वाइन शॉप चालक व्यवस्था में सुधार करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। क्योंकि मामला अभी न्यायलय में है इसलिए न्यायालय के अंतिम निर्णय के बाद स्थिति साफ होगी।
सुको के निर्णय के बाद नागपुर जिले के ३२८ शराब दुकानें व ५४३ बियर बार बंद कर दिए गए थे. इनमें से ८ शराब दुकानें स्थानांतरित कर दोबारा शुरू किए गए। इस बंद का असर बड़े-बड़े होटलों पर भी पड़ा है। जिसमें से एक ने सुको के निर्देशों का पालन कर फिर से शराब पिलाने की अनुमति प्राप्त कर ली।
नागपुर जिले में ११५ वाइन शॉप, बीयर शॉपी १०२, चिल्लर शराब दुकान(एफएल-३) २८९, वाइन शॉप ६३, चिल्लर देशी शराब की १९८ दुकानें व ६७ बियर शॉपी बंद किए गए हैं. बावजूद इसके अप्रैल,मई व जून २०१७ में देशी शराब ५६,८८,७७१ लीटर, विदेशी शराब २४,६५,७७२ लीटर, बीयर ३३,५६,४१५ लीटर, वाइन २१,८७९ लीटर बिकी। जिले में २९,१८,९०१ लीटर शराब का उत्पादन हुआ जो पिछले वर्ष की तुलना में ४.३२ % कम दर्ज किया गया।