नागपुर- नेवासा पुलिस स्टेशन के कर्तव्य निभाने वाले के रूप में पहचान बनाने वाले पुलिस निरीक्षक प्रवीणचंद लोखंडे, पुलिस उपनिरीक्षक भिंगारे, जांभळे और अन्य कर्मचारियों की मारपीट में संदिग्ध की मौत होने के मामले में उच्च न्यायलय के आदेश पर नेवासा पुलिस स्टेशन के 11 पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. इस घटना के बाद पुलिस विभाग में सनसनी मच गई है. लगभग दो से ढाई साल पहले नेवासा पुलिस स्टेशन में एक संदिग्ध की मौत हो गई थी. इसमें आरोपी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. ऐसा पुलिस का कहना था. तो वही दूसरी तरफ मरनेवाले के परिजनों ने पुलिस की मारपीट में उसकी मौत होने का आरोप लगाया था. इस मामले में सीआईडी से जांच की गई थी. लेकिन उसमे पुलिस को ‘ क्लीनचिट ‘ मिली थी.
इसके बाद मरनेवाले के रिश्तेदार मुंबई उच्च न्यायलय के औरंगाबाद बेंच में गए थे. उच्च न्यायलय ने तत्कालीन पुलिस निरीक्षक लोखंडे और अन्य अधिकारी समेत 11 पुलिस कर्मियों पर हत्या करने का मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ लोखंडे और अन्य पुलिस कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस विरोध में अपील का भी प्रस्ताव ठुकराने से नेवासा पुलिस स्टेशन में मरनेवाले के रिश्तेदारों की फिर्याद पर उच्च न्यायलय द्वारा दिए गए आदेश पर पोलीस निरीक्षक लोखंडे और अन्य लोगो के खिलाफ हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है. इसमें पुलिस अधिकारियो समेत कर्मचारी ऐसे कुल 11 लोगों का समावेश है. इसकी आगे की जांच शेवगॉव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मंदार जवळे कर रहे है.
अमोल पर दर्ज थे विभिन्न मामले
अमोल पिंपळे पर नेवासा, शेवगांव साथ ही नाशिक जिले के नांदगांव और पिंपलगाव में चोरी, घरफोडी और डकैती के मामले दर्ज थे. नेवासा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत 2017 में 273 क्रमांक के अपराध (कलम 457 व 380 ) के तहत मामला दर्ज था. उसे 18 अगस्त को नेवासा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उससे पहले 5 अगस्त 2016 को आर्म्स एक्ट के तहत 5 जुलाई को उसको गिरफ्तार किया गया था. शेवगांव पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड विधान 396 अंतर्गत उसको 23 जुलाई 2017 को और उसके बाद नांदगांव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कलम 395 अंतर्गत 27 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था. पिंपलगाव (नाशिक स्थित कलम 395 व 397 अंतर्गत उसको 2 अगस्त को गिरफतार किया गया था. नेवासा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत 457 व् 380 कलम के अनुसार वह 9 आपरधिक मामलो में वह फरार था. इसमें से 8 मामलो में 2017 में एक तो वही एक गुन्हा भारतीय दंड विधान कलम 394 व आर्म्स अॅक्ट 4/25 अंतर्गत आपराधिक मामले दर्ज थे. इन सभी मामले में वह फरार चल रहा था.
इस मामले में अहमदनगर की पुलिस अधीक्षक ईशू सिंधु से संपर्क करने पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की मुंबई उच्च न्यायलय के औरंगाबाद बेंच के आदेश पर हत्या का मामल दर्ज किया गया है. आगे की जांच शेवगॉव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मंदार जवळे कर रहे है.
रविकांत कांबले
क्राइम रिपोर्टर