नागपुर: सकल मराठा समाज द्वारा नागपुर में शीतसत्र अधिवेशन के दौरान क्रांति मूक मोर्चा निकाला जायेगा। राज्य भर में शुरू मराठा समाज के आंदोलन की जानकारी देते हुए आयोजकों ने बताया कि 14 दिसंबर को नागपुर में मोर्चा निकाला जायेगा। हालही में औरंगाबाद में आयोजन मंडल की बैठक हुई जहाँ तारीख तय की गई। इस मोर्चे में करीब 15 लाख लोगो के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। हालांकि इसी महीने की 25 तारीख को भी समाज का एक मोर्चा कस्तूरचंद पार्क मैदान पर निकाला जायेगा।
सकल मराठा समाज के अनुसार यह मोर्चा जिला स्तरीय रहने वाला है जिसमे मराठा समाज पूरी तरह से शामिल होगा। आयोजकों ने मराठा-कुनबी शब्द से आंदोलन में पड़ी फूट की बात से इनकार किया है। खास बात है कि विदर्भ को छोड़ कर राज्य के अन्य भाग में आंदोलन का नाम सकल मराठा समाज मूक मोर्चा था जबकि विदर्भ में आयोजित हुए मोर्चे का नाम मराठा-कुनबी मूक मोर्चा रखा गया है। आयोजकों के मुताबिक मराठा और कुनबी में कोई फर्क नहीं है विदर्भ में समाज अपनी पहचान के लिए कुनबी शब्द का प्रयोग करता है जबकि अन्य भागो में मराठा शब्द का इसलिए आंदोलन में फुट पड़ने की बात गलत है।
नागपुर में निकलने वाला मोर्चा अब तक निकाले गए मोर्चो से भव्य होगा। शहर के 8 जगहों से निकल कर मौर्चा एक स्थान पर मिलेगा। हर जगह की ही तरह इस मौर्चे का नेतृत्व पांच लड़कियां करेगी। इस मोर्चे से अंतर्गत राज्य सरकार से कोपार्डी के दोषियों को फाँसी की सजा देना, ओबीसी समाज को मिल रहे आरक्षण को यथास्थिति में रखते हुए मराठा समाज को आरक्षण देना, एट्रोसिटी कानून में बदलाव, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना, जिजाऊ माता का अपमान करने वाले व्यक्ति से महाराष्ट्र भूषण सम्मान वापस लेना और ओबीसी के लिए क्रिमीलेयर के नियम को ख़त्म करना यह माँगे शामिल रहेगी। इसके अलावा आयोजक मंडल ने पूर्व जस्टिस सावंत के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है जो सरकार के समक्ष रखी जाने वाली माँगो पर अध्ययन कर रही है। इस समिति के सुझावों को मिलाकर एक अंतिम ड्राफ्ट बनाया जायेगा इसे राज्य सरकार को आंदोलन के दौरान सौपा जायेगा।