नागपुर: नागपुर महानगरपालिका प्रशासन ने जीएसटी लागु होने से उसका मासिक अनुदान मिलने तक की स्थिति का सामना करने के लिए ‘एमेनेस्टी स्कीम’ लाई थी.अधिकारियों व कर्मचारियों के लापरवाही के कारण उम्मीद के अनुरूप संकलन नहीं हो पाया। इसके बाद प्रशासन ने प्रत्येक जोन के पहले १०-१५ बड़े बकायेदारों की संपत्ति निलाम करने की तैयारी शुरू की,जो अंतिम चरण में हैं.इस हिसाब से मनपा जल्द ही लगभग १५० बकायेदारों की संपत्ति निलाम करने की जानकारी मनपायुक्त अश्विन मुद्गल ने दी.उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अबतक निलामी सम्बन्धी ,मनपा के पास कोई रिकॉर्ड नहीं हैं.
मुद्गल ने यह भी जानकारी दी कि शहर में ३ लाख से अधिक संपत्ति कर के बकायेदार हैं.उन्हें बकायेदारों पर लगाए गए ब्याज का ९०% माफ़ करने का अधिकार हैं.यह जानकारी देकर उन्होंने सभी बकायेदारों को संपत्ति कर का बकाया पुनः चुकाने का अवसर प्राप्त होने की जानकारी दी हैं.
उल्लेखनीय यह हैं कि मनपा सम्पत्तिकर के अंकेक्षण प्रणाली में काफी गड़बड़ियां हैं.१५१ वार्ड या ३८ प्रभाग आज अस्तित्व में हैं लेकिन मनपा संपत्ति कर विभाग पुराने ढर्रे पर चल रही हैं.उनके हिसाब से ७२ वार्ड ही अस्तित्व में हैं.पहले संपत्ति कर विभाग के अधिकारी व कर्मियों की हस्त लिखित कार्यप्रणाली के दौर में अनाप सनाप कर अंकेक्षण किया गया.वहीं मनपा अधिकारी व कर्मियों के सम्पत्तियों का अल्प अंकेक्षण कई दफे समक्ष आया हैं.
क्योंकि यह विभाग मनपा का आय का मूल विभाग होना चाहिए था,लेकिन मनपा के दिग्गज अधिकारियों के लापरवाही के कारण नीचे के अधिकारी और कर्मियों ने मौके को खूब भुनाया। आज भी विभाग के पास सैकड़ों ‘ऑब्जेक्शन’ हैं,जिनका निराकरण नहीं किया गया.
मनपा के अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर मनपायुक्त को सुझाव दिया कि सभी वार्ड अधिकारियों को आये दिन होने वाली बैठकों से मुक्त कर उन्हें सिर्फ और सिर्फ संपत्ति कर वसूली,विवाद निपटारा सह शहर व्यवस्था व स्वच्छता का ही जिम्मा दिया जाये तो मनपा को बड़े पैमाने में आय होंगी।
इस अधिकारी के अनुसार चुंगी चोरी और एलबीटी चोरी के दौरान पकडे गए या नोटिस थमाए पार्टियों में से कुछ की फाइलें अधिकारियों ने दबा दी हैं.खासकर अग्निशमन उपकरण का व्यवसाय करने वाले आदि-आदि.जो पकडे गए उनका निराकरण न होने से उनकी जप्त सामग्री कबाड़ हो गई.