नागपुर: शनिवार 22 जुलाई को महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद पुणे द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की परीक्षा थी. जिसका समय दोपहर 2 बजे से लेकर 4:30 बजे तक था. लेकिन जब विद्यार्थी रेशमबाग चौक में स्थित प्रेरणा कॉन्वेंट के सेंटर पहुंचे तो उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. जिसके कारण शहर के और दूर दराज के गांव से आए करीब 150 विद्यार्थियों को इस परीक्षा से वंचित रहना पड़ा. आधे घंटे पहले पहुंचे परीक्षार्थियों ने परीक्षा नियंत्रक और गेट पर तैनात पुलिस कर्मियों से भी परीक्षा में बैठने देने की गुहार लगाई लेकिन फिर भी इन्हे परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया. जिसके बाद प्रेरणा कॉन्वेंट में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी पहुंचे. लेकिन फिर भी पुलिस और परीक्षा नियंत्रक ने परीक्षार्थियो की एक न सुनी. राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों की भर्ती कई वर्षो से बंद है. भर्ती निकलने के बाद टीईटी में पास हुए लोग ही शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते है. जिसके लिए सभी डी.एड और बी.एड के विद्यार्थियों को टीईटी की परीक्षा पास करना जरुरी होता है.
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए डी.एड, और बी.एड दोनों ही के लिए टीईटी की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. जो कुछ वर्ष पहले शिक्षक के पदों पर लगे हुए है यानी टीईटी शुरू होने से पहले उन्हें भी स्कूल से अप्रूवल लेने के लिए टीईटी में पास होना आवश्यक है. तो वही कुछ परीक्षार्थी विभिन्न निजी स्कूल में कार्यरत है. उनके लिए भी टीईटी अनिवार्य है. लेकिन इन परीक्षार्थियों को परीक्षा से वंचित रखकर पुलिस अधिकारियों और परीक्षा नियंत्रक ने इनका एक साल खराब कर दिया है.
परीक्षा से वंचित रहे जीतेन्द्र घोडेस्वार ने बताया की वे परीक्षा में आधे घंटे पहले पहुंच चुके थे. नियम के हिसाब से भी आधे घंटे ही पहुंचना पड़ता है. लेकिन जब परीक्षा केंद्र पर पहुंचे तो स्कूल का मुख्य गेट बंद कर दिया गया था. गेट पर तैनात पुलिस कर्मी से बात की गई तो उन्होंने बताया की हमें गेट खोलने की अनुमति नहीं है. घोडेस्वार ने बताया की उनसे काफी मिन्नतें की गई लेकिन फिर भी वे नहीं माने.
तो वही अंजुम शेख ने बताया की परीक्षा देने से आज परीक्षार्थी वंचित रह गए. जिसके कारण अब एक वर्ष और इंतज़ार करना होगा. पुलिस की ओर से और परीक्षा नियंत्रको की कार्यप्रणाली के कारण उन्हें स्कूल से अप्रूवल के लिए एक वर्ष और इंतज़ार करना होगा.
सभी नाराज परीक्षार्थियों ने जिल्हाधिकारी सचिन कुर्वे से मिलकर इस समस्या से उन्हें अवगत कराने का निर्णय लिया है. इस बारे में शिक्षा उपसंचालक अनिल पारधी से संपर्क करने की कोशिश की गयी.लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.