सांसद प़फुल पटेल और पुलिस उपमहानिरीक्षक हरीश बैजल का प्रयास रंग लाया
गोंदिया लाकडाउन में फंसे लोगों का अपना -अपना दर्द है , और अपनी- अपनी दास्तां. मौजूदा हालात ऐसे हैं कि मुंबई महानगरी में फंसे नौकरीपेशा लोगों के पास जो जमा पूंजी थी , अब वह भी खत्म हो गई है लिहाजा महानगरों में रहने वाले लोगों को खाने- पीने की भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में चरणबद्ध तरीके से लाकडउन की अवधि बढ़ने के बाद अब यह लोग कैसे गुजारा करेंगे ? यह सोचकर इनकी आंखें नम हो जाती है। इसलिए मुंबई में फंसे नौकरीपेशा भी इसी बात की जुगाड़ में लगे हैं कि कोई व्यवस्था हो जाए ताकि वह अपने घर (गांव) पहुंच सकें।
निजी बस के किराए के पैसे का आपस में 17 लोगों ने शेयर करते हुए जैसे-जैसे प्रबंध किया तो जाने का कोई साधन नहीं मिल रहा था।
ऐसी मुश्किल घड़ी में सांसद प्रफुल्ल पटेल और पुलिस उपमहानिरीक्षक ( मुंबई) हरीश बैजल सर ने मुंबई में फंसे गोंदिया जिले के नौकरीपेशा लोगों के लिए ऑनलाइन परमिशन (पास) उपलब्ध करवा दिया और आज 13 मई बुधवार के दोपहर यह 17 लोग कल्याण से गोंदिया के लिए बस क्रमांक MH-04 / FK- 1474 में रवाना हुए हैं जिनमें गोरेगांव तहसील के ग्राम घोटी निवासी रविंद्र मेश्राम मंजू मेश्राम, सुरेश मेश्राम, शशिकला मेश्राम ।
गोंदिया तहसील के ग्राम सावरी निवासी- पारितोष काटेवार, कल्पना काटेवार, स्तूती काटेवार, पार्थ काटेवार, केसरबाई वागड़े, देवेंद्र अंबादे तथा दासगांव खुर्द निवासी ब्रिजकुमार गावड़, नलिनी गावड़, शिवदास गावड़ , कुसुम गावड़ तथा भंडारा निवासी सोनू नानाजी मस्के, सुनिता नत्थुलाल देशमुख, हार्दिक मस्के का समावेश हैं।
चार फैमिली ने आपस में शेयर किया बस किराया
मुंबई के उपनगर कल्याण से गोंदिया के लिए रवाना हुई बस में सवार शिक्षिका मंजू मेश्राम से हमने बात की उन्होंने बताया उनके मिस्टर यह अंबरनाथ के ऑडनेंस फैक्ट्री में गवर्नमेंट जॉब पर है तथा उनकी फ्रेंड के मिस्टर वाशिंद के कंपनी में काम करते हैं तथा दो अन्य (मुंबई मुंसिपल कॉरपोरेशन) बीएमसी में टीचर है लगभग सभी 8- 9 वर्षों से मुंबई में जॉब कर रहे हैं।
लाकडाउन पश्चात गत 23 मार्च से सभी कंपनियां और स्कूल बंद है।
चार फैमिली के सभी सदस्य गोंदिया आने के लिए प्रयासरत थे तदहेतु हम लोगों ने आपस में शेयर करके बस किराए का 75000 इक्कठा किया और बस परमिशन के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरा था , फिर बस का नंबर और ड्राइवर का नाम मांगा गया ? लेकिन हमें ऑनलाइन पास नहीं मिला।
बस परमिशन और ऑनलाइन पास दिलाने में इन्होंने की मदद
मंजू मेश्राम ने बताया मेरे पिता गोंदिया एजुकेशन सोसाइटी द्वारा संचालित मनोहर मुंसिपल हाई स्कूल दासगांव मे टीचर रहे हैं लिहाजा मैंने सांसद प्रफुल पटेल के गोंदिया जनसंपर्क कार्यालय से संपर्क साधा। संसद के पीए ने कहा- फॉर्म भरकर , टोकन नंबर मुझे ईमेल कर देना मैं आगे जो मुंबई में पुलिस उपमहानिरीक्षक हरीश बैजल सर हैं उनको फॉरवर्ड करता हूं वह तुम लोगों का जल्द से जल्द पास इश्यू करा देंगे।
हरीश बैजल सर ने हमें बहुत कॉर्पोरेट किया ।
मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को , फिर डीएसबी अधिकारियों को उन्होंने फोन किया तथा जहां हम रहते हैं वहां के पुलिस स्टेशन को फोन किया कि यह इनका टोकन नंबर है इनका जल्दी से वेरीफिकेशन कागज तैयार कर इनका ऑनलाइन पास बनाकर दो। बैजल सर की वजह से जल्दी-जल्दी फॉरवर्डिंग होती गई और क्लीयरेंस होकर हमारी आनलाइन पास बनी और हमें उनका बहुत कॉर्पोरेट मिला। इसलिए सांसद प्रफुल्ल पटेल और हरीश बैजल सर का हम लोग आभार व्यक्त करते हैं।
क्या दोबारा मुंबई में काम पर लौटना चाहेंगे ?
क्या फिर दोबारा मुंबई में काम पर लौटना चाहेंगे ? के सवाल का जवाब देते इन लोगों ने कहा-हम लोग गवर्नमेंट सर्वेंट हैं तो काम पर तो वापस आना ही चाहेंगे:? क्योंकि मुंबई में हमारी रोजी-रोटी है , जॉब है ? हम वापस आएंगे।
हर साल गर्मियों की छुट्टियों में गांव जाते हैं इस बार लाकडाउन की वजह से फंस गए थे। अभी एक महीना गांव में रहेंगे अपनों से सबसे मिलेंगे जुलेंगे तो एकदम फ्रेश लगता है ,इसलिए जा रहे हैं हमारे घर ऑलमोस्ट वहां खाली पड़े हैं पहले गोंदिया के जिला KTS अस्पताल जाकर चेकअप करवाएंगे और घर में क्वॉरेंटाइन होगा तो हम घर पर ही क्वॉरेंटाइन रहेंगे।
रवि आर्य