नागपुर. राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने परीक्षा का नया फॉर्मूला लागू किया है. इसके तहत इस वर्ष से डिग्री के प्रथम वर्ष के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा कॉलेज स्तर पर ली जानी है. हालांकि अभी तक छात्रों का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण कॉलेजों को परीक्षा आयोजित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा शुल्क माफ किए जाने से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के बीच एक नया विवाद शुरू हो गया है. यही वजह है कि सेमेस्टर वन की परीक्षा को लेकर अनिश्चितता का माहौल बन गया है.
विश्वविद्यालय और कॉलेज परीक्षाओं में मौजूदा स्थिति को देखते हुए परीक्षा में दो महीने और देरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. पहले सेमेस्टर की परीक्षा में देरी से अगले सेमेस्टर पर भी असर पड़ने की संभावना है. अगले सत्र को सुचारू रूप से शुरू करने के विचार को अमलीजामा पहनाने के लिए विवि ने कदम बढ़ाया है. इसके चलते दूसरे सत्र की ग्रीष्मकालीन परीक्षा का समय निर्धारित करना होगा. ऐसे में पहले सत्र के तुरंत बाद दूसरे सत्र की परीक्षा की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. इससे छात्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा. हालांकि कॉलेजों और विश्वविद्यालय द्वारा इस पर विचार नहीं किया जा रहा है.
कोई नामांकन संख्या प्राप्त नहीं हुई
कॉलेज में प्रवेश के लिए पहले विश्वविद्यालय के साथ पंजीकरण करना होता है. यह काम प्रोमार्क के पास है. अब विवि ने परीक्षा का जिम्मा एमकेसीएल को सौंपा. एमकेसीएल को छात्रों को पंजीकृत करना होगा और उन्हें पंजीयन नंबर देना होगा. हालांकि एमकेसीएल ने अभी तक यह नंबर कॉलेजों को नहीं दिया है. इसलिए कॉलेजों को यह तय करना है कि किस रजिस्ट्रेशन नंबर पर परीक्षा ली जाये. हालांकि छात्र का रोल नंबर अलग होता है लेकिन इसकी जरूरत होती है क्योंकि उसके पूरे कोर्स का रिकॉर्ड एनरोलमेंट नंबर पर होता है. सवाल यह है कि बिना प्राप्त किए अंक कैसे दिये जाएंगे.