शिकायत, सबुत के बाद जांच समिति गठित
यवतमाल। जिला परिषद में महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सिमेंट के बांध, नाले का सरलीकरण, सिमेंट मार्ग, पगडंडी मार्ग, पौधारोपण, वैयक्तिक शौचालय का निर्माण कार्य आदि में 2 करोड़ का भ्रष्टाचार की शिकायत सबुत के साथ करने से जिप अध्यक्षा डा. आरती फुफाटे ने सीईओ को जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए है. इस मामले की शिकायत बाभुलगाव के जिप सदस्य अमन गावंडे ने की है. बुधवार को जिप की हुई सभा में यह शिकायत की गई है.
प्रभारी सीईओ शरद कुलकर्णी को अध्यक्ष ने इस मामले में जांच करके फौरन रिपोर्ट प्रस्तूत करने के निर्देश दिए है. बाभुलगाव बीडीओ पर गाज गिरने के आसार नजर आ रहें है. उन्होंने इस घोटाले के मामले में पंचायत समिति स्तर पर मामला रफा-दफा किया था. लगभग 2 करोड़ रुपयों का घोटाला बाहर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है. तो इस मामले में फंसे ठेकेदार और अधिकारी दहशत में है. क्योंकि मामले की सच्चाई उजागर होते ही उनपर निलंबन की तलवार लटक सकती है. बाभुलगाव के चिमणापुर ग्राम पंचायत में किए गए कार्यों में लगभग 2 करोड का घोटाला होने का आरोप शिकायत में अमन गावंडे ने लगाया है. उन्होंने शिकायत के साथ सबुत भी सौंप दिए है. जिससे इस मामले में फौरन जांच समिति गठित की जानेवाली है. इस समिति में कौन-कौन से अधिकारी शामिल होते है? उस ओर भी पदाधिकारियों की नजरे लगी है. जिला परिषद अध्यक्षा डा. फुफाटे की अध्यक्षता में संपन्न हुई सभा में जिप उपाध्यक्ष अनिल मांगुलकर, चारों विभागों के सभापति, जिप सदस्य प्रविण देशमुख, अमन गावंडे एवं सभी दलों के गुट नेता उपस्थित थे.
उल्लेखनिय है कि रोजगार गैरंटी योजना के तहत बाभुलगाव तहसील के चिमणापुर, बाघापुर, चिमणा-बाघापुर इन नामों में गड़बड़ी कर कार्य किए जाने का दिखावा दस्तावेजों पर दर्ज किया गया. ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरों को कार्य देने हेतू जाबकार्ड वितरित किए गए. जिसमें एक ही व्यक्ति को दो से तिन जाबकार्ड दिए जाने की बात उजागर हुई है. इसके अलावा बांधों का निर्माण, पगडंडी मार्ग, रोपवाटीका, शौचालय निर्माण कार्यों मृतक व्यक्ति का मजदूरों में समावेश कर उनके नाम पर राशि उठाए जाने का भी आरोप अमन गावंडे ने लगाया. एक जगह पर तो लगभग 3 बार नाले का सीधकरने का कारनामा संबंधित विभाग ने किया. जिसके लिए झूठे सातबारा एवं मस्टर तैयार किए गए. अनेकों के घर शौचालय न होते हुए भी उन्हें शौचालय निर्माण कार्य का राशि मंजूर की गई है. इस गाव की जनसंख्या 565 होते हुए 213 परिवारों में 443 परिवारपत्रों का वितरण किया गया. परिवार के सदस्य के नामों के फेरफार कर परिवार पत्रों की संख्या बढ़ाकर बताई गई और एक घर में कई लोगों को शौचालय का लाभ दिया, ऐसा बताया गया. इस प्रकार घोटाला किया गया है. इस मामले की शिकायत पंचायत समिति स्तर पर करने पर बीडीओ ने मामले को रफादफा कर दिया. जिससे इस मामले की गाज बीडीओ पर गिरनेवाली है.