नागपुर: नागपुर शहर में कॉम्पिटेटिव परीक्षा का माहौल नहीं है. इसलिए ऐसा माना जाता है कि नागपुर की तुलना में पुणे के विद्यार्थी कॉम्पिटेटिव की परीक्षा में ज्यादा सफल होते है. लेकिन सिर्फ यही एक कारण नहीं है इनकी सफलता का.
नागपुर में नहीं के बराबर 24 घंटे शुरू रहनेवाली लाइब्रेरी है.तो वही पुणे में 24 घंटे शुरू रहनेवाली कई लाइब्रेरी है. जिसके कारण भी विद्यार्थी सफल होते है. अमरावती रोड स्थित नागपुर यूनिवर्सिटी के कैंपस में पी.वी. नरसिम्हाराव ग्रंथालय (लाइब्रेरी ) है. जिसमें यूनिवर्सिटी में पढ़नेवाले विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम से सम्बंधित पढ़ाई तो करते ही है साथ ही इसके कॉम्पिटेटिव की तैयारी भी करते है. ऐसे ही पिछले 6 महीनों में यहां पढ़नेवाले करीब 12 विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियां लगी है. यह उनके प्रयास का ही नतीजा है कि इन लोगों को नौकरियां मिली साथ ही इसके यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी 24 घंटे शुरू रहने के कारण भी इसका लाभ विद्यार्थियों को हुआ.
जिन विद्यार्थियों का चयन हुआ है. उनके नाम विकास कोल्हे, राहुल गातोड़े, रामेश्वर राठोड, मिना पिसदूरकर, अमोल वाघ, सोनाली उमरे,रोशन मोंढे है. यह विद्यार्थी विभिन्न पदों पर नियुक्त हुए है. कॉम्पिटेटिव की परीक्षा में पढ़ने के स्थान का काफी महत्व रहता है. जिसके कारण विद्यार्थियों को पढ़ाई करते समय किसी भी तरह की बाधा नहीं होती.
पिछले वर्ष यह लाइब्रेरी 24 घण्टे शुरू नहीं रहती थी. जिसके कारण अपने पाठ्यक्रम की पढ़ाई करनेवाले और उसी के साथ कॉम्पिटेटिव की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए जगह नहीं होने से उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.
लाइब्रेरी 24 शुरू रखने के लिए विद्यार्थियों ने लाइब्रेरी के बाहर हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिध्दार्थविनायक काणे ने 24 घंटे लाइब्रेरी का रीडिंग रूम शुरू रखने निर्णय लिया और विद्यार्थियों की मेहनत रंग लायी और वे अच्छी अच्छी नौकरियों पर लग गए.
पिछले दिनों एक संघटन ने झांसी रानी चौक स्थित यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी को भी 24 घंटे शुरू रखने की मांग की थी.शहर में आनेवाले दिनों में विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने के लिए 24 घंटे लाइब्रेरी शुरू रखने का प्रयास किया जाना चाहिए.