पुणे धमाके की गुत्थी सुलझी त्नदिल्ली और बोधगया मंदिर में हमले की फिराक में थे आतंकी | ||
इंडियन मुजाहिदीन से संबंध, गोला बारूद बरामद एजेंसी त्ननई दिल्ली दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के तीन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से पांच किलो विस्फोटक, 10 डेटोनेटर और अन्य सामान बरामद किया गया है। पुलिस का दावा है कि ये आतंकी अगस्त में पुणे में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में शामिल थे। वे आगामी त्योहार के दौरान ये दिल्ली और बोधगया के एक मंदिर को निशाना बनाना चाहते थे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने गिरफ्तारी के बारे में गुरुवार को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को दक्षिणी दिल्ली से असद खान (33) और इमरान खान (31) को गिरफ्तार किया गया। इसके पांच दिन बाद सैयद फिरोज (38) को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया। इन सभी आतंकियों को आईएम के शीर्ष ऑपरेटिव्स रियाज और इकबाल भटकल निर्देश देते थे। कमिश्नर ने बताया कि अबु जुंदाल से पूछताछ के दौरान उन्हें देश में आतंकी हमले की जानकारी मिली। जुंदाल 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले का प्रमुख हैंडलर है। गिरफ्तार तीनों आतंकी कई बार सउदी अरब जा चुके हैं। वहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी फैयाज अहमद कागजी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भारत में आतंकी हमले के बारे में चर्चा की। कागजी महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है। इस वर्ष जनवरी में कागजी ने असद और इकबाल की पहचान रियाज भटकल से कराई। शेष त्न पेज ९ पर संदिग्ध आतंकी के घर की तलाशी भास्कर न्यूजत्नऔरंगाबाद. दिल्ली में पकड़े गए औरंगाबाद और नांदेड़ में रहनेवाले तीन संदिग्ध आतंकवादियों के घरों की एटीएस औरंगाबाद, दिल्ली पुलिस और आईबी ने अलग-अलग तलाशी ली है। असद खान पिता जमशेद खान (३२) औरंगाबाद के नायगांव, तवक्कल नगर का निवासी है। एटीएस ने घर की तलाशी लेने के बाद इसके भाई हुसैन खान को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। एटीएस ने यहां से कुछ कागजात और अन्य वस्तुएं भी अपने कब्जे में ली हैं। हालांकि अभी इस पूरे ऑपरेशन का खुलासा नहीं किया गया है। एटीएस ने नांदेड़ निवासी सैय्यद फेरोज, इमरान के घर की तलाशी भी ली है। एटीएस चीफ नवीनचंद्र रेड्डी ने फिलहाल कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि टीवी पर समाचार देखने के बाद उन्होंने जरूरी कदम उठाए हैं। तलाशी के दौरान गांव में भीड़ लग गई थी। उस समय मकान के १०० मीटर के दायरे में किसी को अंदर आने की इजाजत नहीं थी। जब एटीएस का दस्ता असद के मकान से बाहर निकला तो उनके हाथ में महत्वपूर्ण दस्तावेजों के दो बैग थे। एटीएस दस्ते के साथ-साथ असद के मकान में आईबी और दिल्ली से आई पुलिस ने भी तलाशी ली। दो साल पहले नायगांव आया था : परिसर के लोगों से बातचीत करने पर पता चला कि दो वर्ष पहले असद का परिवार नायगांव में रहने आया। ये लोग यहां जमीन खरीद-फरोख्त का व्यवसाय करते हैं। इसके साथ ट्रेवल्स का व्यवसाय भी है। असद के पिता बीमार हैं। जब यह दस्ता उनके घर की तलाशी ले रहा था तो वे इससे भी अनजान थे। असद के चार भाई और एक बहन हैं, जिसमें तीन भाई पारिवारिक कारोबार से जुड़े हैं। जबकि एक भाई मालेगांव के मदरसे में पढ़ाई कर रहा है। असद ने कम्प्यूटर का कोर्स किया है। असद की शादी हो चुकी है। उसकी पहली बीवी का देहांत होने के बाद उसने हाल ही में दूसरी शादी की है। असद के भाई ने बताया कि, असद हमेशा अपने काम से बाहर आता जाता रहता था। असद का मूल गांव लातूर है। यासीन भटकल था मास्टर माइंड ये लोग आतंकवादी सरगना यासीन भटकल के इशारों पर आतंकवादी हमलों की साजिश रच रहे थे। इन्होंने दिल्ली के एक इलाके में अपना अड्डा बनाया था। सूत्रों के अनुसार उनके अड्डे से हथियार एवं गोला बारुद तथा बम बनाने के उपकरण भी बरामद हुए हैं। तारीख : १ अगस्त, २०१२ दिन : बुधवार समय : शाम ७:२७ से ८:१५ इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी सैयद की गिरफ्तारी की खबर आते ही उसकी कैंप स्थित ूकान के सामने भीड़ जमा होने लगी। सैयद तो हज के लिए वीजा का काम करने गया था : पिता अब्दुल हमीद भास्कर न्यूज. पुणे. सैयद तो हज यात्रा के लिए वीजा लेने के सिलसिले में दिल्ली गया था। काम खत्म कर वह बुधवार को घर लौटनेवाला था किंतु गुरुवार को टेलीविजन के जरिए उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मिली। वह आतंकवादी है, इस बात पर हम विश्वास नहीं करते। आंखों में आंसू लिए पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सैयद के पिता ने यह बातें कहीं। दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों सैयद के परिवार में माता, पिता, दो भाई, बहन, पत्नी और बच्चे भी हैं। विगत दस वर्षों से वह कपड़ों का व्यवसाय करता है। कैंप क्षेत्र में ऑप्शन फिरोज नाम से उसकी दूकान है। मोमिनपुरा क्षेत्र में वह पत्नी और बच्चों के साथ रहता है। अन्य परिवार के सदस्य शुक्रवार पेठ स्थित दानेश कॉर्नर इमारत की तीसरी मंजिल पर रहते हैं। सैयद के पिता अब्दुल हमीद और भाई फैयाज का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने जो तस्वीर जारी की है वह सैयद की तस्वीर से नहीं मिलती है। 17 दिन पहले सैयद हज यात्रा के लिए वीजा का काम करने के लिए दिल्ली गया हुआ था। उसके बाद कपड़ों का काम करने के लिए मुंबई जानेवाला था। सोमवार को ही उसका फोन आया था। उसने कहा था कि बुधवार को मैं घर आ रहा हूं। बुधवार को वह नहीं आया और गुरुवार को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी टी.वी. के जरिए मिली। सैयद ऐसा नहीं कर सकता। पुलिस का कहना है कि सैयद पर पुणे में किसी भी प्रकार के मामले दर्ज नहीं हंै। सात वर्ष पहले उसने पासपोर्ट निकाला था। वह एक बार हज हो भी आया है। : पहला धमाका : बालगंधर्व ऑडिटोरियम : दूसरा धमाका : जेएम रोड : तीसरा धमाका : मै$कडॉनल्ड आउटलेट : चौथा धमाका : गरवारे ब्रिज
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