नागपुर: २०१६ की थर्टी फर्स्ट की पार्टी में नोटबंदी का असर साफ देखने मिला। यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल तकरीबन 30 प्रतिशत का कम राजस्व प्राप्त होने की जानकारी सामने आ रही है। थर्टी फर्स्ट पार्टियों का कूपन देकर मजा लूटने का आयोजन करनेवालों को मनोरंजन कर विभाग के पास कूपन या टिकट की रखी दर के अनुपात में 20 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। विभाग को इस साल थट्री फर्स्ट के परमिशन बांट कर 3.60 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं।
24 पार्टियां ही विभाग के पास रजिस्ट्रेशन के लिए पहुंची थी, जबकि 2015 की थर्टी फर्स्ट पार्टी में 30 पार्टियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। बता दें कि विभाग ने नियमों का उलंघन करनेवालों और बिना परमिशन पार्टी आयोजन करनेवालों पर कार्रवाईयों के लिए 5 जांच दस्तों का गठन किया था। लेकिन पिछले साल कोई कार्रवाई नहीं हुई थी जबकि इस साल भी कार्रवाई न के बराबर ही बताई जा रही है।