जिलाधिकारी लेंगे निर्णय
नामों की सूची होंगी जाहिर
अकोला। विभागीय आयुक्त ने नवंबर 2014 में जिला परिषद, ग्राम पंचायत सदस्यों के यहां व्यक्तिगत शौचालय है या नहीं इसका विवरण प्रस्तुत करने के आदेश जिला प्रशासन को दिए थे. उसके तहत दो माह में किए गए निरीक्षण में ग्राम पंचायत के 366 सदस्यों के यहां व्यक्तिगत शौचालय न होने की बात सामने आई है. उक्त ग्रापं सदस्यों के बारे में आज जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समक्ष पंचायत विभाग ने ब्यौरा पेश किया, जिस पर सीईओ ने सभी ग्रापं सदस्यों की सूची पंचायत विभाग के सामने जाहिर करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए ब्यौरा आज जिल्हाधिकारी के समक्ष पेश किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि शौचालय का इस्तेमाल न करनेवाले ग्राम पंचायत सदस्यों को अपात्र ठहराने का प्रावधान है, जिससे उक्त ग्रापं सदस्यों पर अपात्रता की तलवार लटकती दिखाई दे रही है. नवंबर 2014 में विभागीय आयुक्त ने सर्वेक्षण करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए थे. बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देखा गया है, लेकिन आज भी खुले में शौच करनेवाले नागरिकों की कोई कमी नहीं है. इस समस्या से निबटने के लिए शासन की ओर से शौचालय निर्माण के लिए अनुदान भी दिया जाता है, लेकिन आम लोगों की बात छोडिए आज भी कई ग्राम पंचायत पदाधिकारियों के यहां भी व्यक्तिगत शौचालय नही है. ऐसे ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति सदस्य तथा जिला परिषद सदस्यों को ढूंढने के लिए विभागीय आयुक्त ने 19 नवंबर 2014 को सर्वे के आदेश दिए थे.
महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1958 की धारा 14 (ज.5) में किए गए सुदार अनुसार शौचालय का इस्तेमाल न करनेवाले ग्राम पंचायत सदस्यों को अपात्र करने का प्रावधान है. इस कारण उक्त 366 ग्राम पंचायत सदस्यों पर अपात्रता की कार्रवाई होना तय माना जा रहा है. बुधवार को जिला परिषद के पंचायत विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी एम.एस. कुलकर्णी ने जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम. देवेंदर सिंह के समक्ष ब्यौरा पेश किया. इस पर सीईओ ने संभावित अपात्र ग्रापं सदस्यों की सूची जाहीर की जाएगी. वही आगे की कार्रवाई के लिए ब्यौरा जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. इसके बाद उक्त ग्रापं सदस्यों पर कार्रवाई तय होगी.
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