नागपुर: मनपा प्रशासन ने बस ऑपरेटरों के करार के अनुसार उन्हें शुरुआत से आजतक वक़्त पर कभी भुगतान नहीं किया और न एस्क्रो अकाउंट खोला और न ही करार अनुसार व्यवस्था की। बावजूद इसके हर प्रकार से असहाय होने के बाद पूर्व सूचना देकर जब तीनों डीजल बस ऑपरेटरों ने परिवहन सेवा तत्काल बंद की। अब जबकि बस सेवा पहले की तरह शुरू हो गई तो उनके खिलाफ आर्थिक कारवाई करने की जानकारी परिवहन सभापति और परिवहन व्यवस्थापक ने संयुक्त रूप से एक पत्र परिषद में एक सवाल के जवाब में दी।
याद रहे कि तीनों डीजल बस ऑपरेटरों का मनपा पर १४ – १४ करोड़ रुपए बकाया हैं ।जिसकी भुगतान के लिए बस ऑपरेटरों ने हर तरीके से मनपा प्रशासन और पदाधिकारी से मदद मांगी और यह भी उन्हें जानकारी दी कि उधारी में ईंधन, बसों का मासिक किश्त,बस चालकों का वेतन और अन्य खर्च देने में असमर्थ हो गए । ईंधन आपूर्तिकर्ता पेट्रोल पंप धारक उधारी में डीजल देना बंद कर दिए । इसलिए अखंडित सेवा के लिए बकाया राशि दे तो सेवा खंडित नहीं होंगी।हड़ताल के एक दिन पूर्व तक हरसंभव प्रयास करते रहे लेकिन तब तक चुप्पी साधे सभापति और व्यवस्थापक उठापठक का मजा लेते रहे। जब हड़ताल हो गई,२ दिन दोनों हरकत में नहीं आए। तीसरे दिन बस ऑपरेटरों को बकाया राशि में से सवा सवा करोड़ देकर बस सेवा शुरू करने का दबाव बनाने लगे। अंत में चौथे दिन सिर्फ और सिर्फ सत्तापक्ष नेता के पहल पर कैफो ने २ – २ करोड़ देने को राजी हुए। पांचवें दिन वादे के अनुसार पैसे ट्रांसफर होने के पूर्व बस ऑपरेटरों ने बसे शुरू कर दी।
अब जबकि बस सेवा पहले कि तरह शुरू हो चुकी हैं,इसके बाद ४ दिन हड़ताल का आय ६८ लाख रुपए का नुकसान भरपाई के रूप में सभापति और व्यवस्थापक तीनों ऑपरेटरों के मासिक बिल से काटने की जानकारी दी है। उनका कहना है कि करार के हिसाब से उनसे वसूला जाएगा। क्यूंकि बस कंडक्टर और बस चालक ड्यूटी देने को राजी थे। सिर्फ बस ऑपरेटरों के कारण बंद हुआ और मनपा को घाटा हुआ ।
उक्त दोनों ने सम्पूर्ण मामले के दोषी डिम्ट्स को बचाते हुए आज अधिकारियों की टुकड़ियां बनाकर सभी प्रमुख मार्गो की जांच करवाई। जबकि यह काम डिम्ट्स का मुख्य जिम्मा है। डिम्ट्स ने आजतक किए गए करार के अनुसार पूर्ण सेवा नहीं दी लेकिन भुगतान पूर्ण वसूल की । यहां तक की प्रकल्प प्रमुख अमित हितकारी दिल्ली बैठ मनपा से मासिक २ लाख रुपए उठा रहा। करेंसी चेस्ट में रोजाना धांधली इसलिए हो रही कि मनपा वित्त विभाग का कोई प्रतिनिधि वहां नियुक्त नहीं है। परिवहन विभाग के सूत्रों के अनुसार डिम्ट्स के लाभार्थियों में परिवहन विभाग के अधिकारी और परिवहन समिति के पदाधिकारी होने से डिम्ट्स पर मेहरबान होना लाजमी है। अब तो यह योजना सभापति और व्यवस्थापक बनाए हुए हैं कि जर्जर और काली धुआं फेंकने वाली बस के संचालक ऑपरेटर पर बड़ी कार्रवाई करेंगे,जबकि सही सलामत बस को सड़क पर दौड़ने की अनुमति देने का जिम्मा डिम्ट्स का है। अर्थात अंधेर नगर चौपट राजा की कहावत आज भी मनपा पर फिट बैठ रही है।