Published On : Sat, Jul 30th, 2022

लागत और सामग्री दरों में 40% की वृद्धि : 5000 फ्लैट निर्माण बाद नहीं बिक रही

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नागपुर -कोरोना संकट के मद्देनजर लोग बड़े शहर में व्यस्त जगह की बजाय शहर से बाहर घर खरीदना पसंद कर रहे हैं. इसलिए,बिल्डर्स-डेवलपर्स ने शहर के बाहर बड़ी-बड़ी कॉलोनियों का निर्माण किया हैं,इनके निर्माण कार्य में लागत और सामग्री दरों में 40% की वृद्धि के कारण लगभग 5000 फ्लैट बेकार पड़े हैं अर्थात बिके नहीं हैं ?

शहर के चुनिंदा जानकारों व जागरूक नागरिकों के अनुसार कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि घर खरीदने का तरीका बदल गई है। क्योंकि आजकल लोग स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। इसलिए पीछे 2-3 साल शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा घर खरीददारी देखने को मिल रही है। साथ ही अब उपभोक्ता ई-स्कूलिंग, वर्क फ्रॉम होम और सुरक्षा के लिए घर खरीद रहे हैं। ऐसे में घर खरीदारों की मांग को ध्यान में रखते हुए बिल्डर्स ने ग्रामीण इलाकों में मकान/फ्लैट/डुप्लेक्स/बंगले आदि बना रहे हैं।

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फ़िलहाल निर्माण क्षेत्र में अच्छे दिन आ गए हैं। हालांकि, बढ़ी हुई महंगाई ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। शहर और आसपास के इलाकों में 5000 से ज्यादा फ्लैट बिक्री का इंतजार कर रहे हैं।
कोरोना के प्रकोप के बाद शहर के बाहर वर्धा रोड, डाभा, बेसा, घोगली, नरसला, पारडी, लावा, जयताला आदि में घरों की बिक्री बढ़ती देखी जा रही है. एक आम उपभोक्ता कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता वाला घर चाहता है।

कोरोना के बाद कच्चे माल के दाम बढ़ने से निर्माण की लागत बढ़ गई है। निर्माण लागत में 40% की वृद्धि हुई है। घर तैयार हैं, लेकिन बढ़ती कीमतों ने फिलहाल मांग को कम कर दिया है। कच्चे माल की बढ़ती लागत पर नियंत्रण की कमी GST ने दरों को बढ़ा दिया है। वर्त्तमान परिस्थिति में इच्छुक लोग महंगे घर खरीदने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं।