नागपुर शहर में सीसीटीवी से ई-चालान की संख्या कम क्यों ?
भ्रष्टाचार विरोधी जन मन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि महाराष्ट्र प्रदेश मे ई-चालान पद्धति अक्टूबर २०२० से लागू हुई थी। जिसके बाद से चालान की रकम में बेहताशा वृद्धि हो गई है। लागू होने की तिथी से मई २०२२ तक परिवहन विभाग- महाराष्ट्र द्वारा कुल ७०३०४७ ई-चालान काटे गए जिनकी कुल रकम तकरीबन ४२६.०६ करोड़ रुपये है। इसमें से ४७१७३८ ई-चालान की तकरीबन ३१३.९६ करोड़ की रकम प्राप्त हुई और २३१३०९ की ११२.१० करोड़ भुगतान बकाया है। तथा ४८०१६ ई-चालान को आगे की कार्यवाही के लिये कोर्ट भेज दिया गया है।
वर्ष अनुसार आंकड़े निम्नलिखित है :-
इसी अवधि में नागपुर प्रादेशिक परिवहन कार्यालय, नागपुर (शहर) द्वारा कुल ६.५९ करोड़ रुपये के ३५४१ ई-चालान काटे गये जिसमें से २१२४ का ४.८८ करोड़ का भुगतान प्राप्त हुआ और १४१७ के २.०१ करोड़ के ई-चालान का भुगतान बकाया है।
श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि नागपुर शहर में अनेक चौक पर यातायात विभाग द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है जिनके जरिये भी वह नियम भंग करने वालो पर नज़र रखती है और ई-चालान करती है। शहर में सीसीटीवी कैमरे द्वारा कटे गये ई-चालान के आंकड़े निम्नलिखित है :-
अवधि संख्या रक्कम
जनवरी – २२ १६९ १६७०००/-
फरवरी- २२ १०८ १०६०००/-
मार्च – २२ ८३ ३७०००/-
अप्रैल – २२ ५५ ११२०००/-
मई – २२ ३२ ४६०००/-
नागपुर शहर के आकड़ो पर अगर नज़र डाली जाये तो साफ पता चलता है कि सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से किये गये ई-चालान की संख्या नाममात्र की है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शहर में वाहन चालकों ने यातायात नियम तोड़ना बंद कर दिया है। ऐसा भी हो सकता है कि इन सीसीटीवी कैमरों में से अधिकांश बंद पड़े हो या इन्हें जानबूझकर बंद कर दिया गया हो इसका जवाब तो यातायात विभाग ही दे सकता है। हां सामान्य जनता दबी जुबान से कारणों और बड़े पैमाने से यातायात भंग करने वालो से हो रही मंडोली की चर्चा करती है। ऐसे में यातायात विभाग द्वारा जाँच कर कार्यवाही करनी चाहिए।