नागपुर: यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने देश के 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को मंगलवार को ऑटोनॉमी यानी स्वायत्तता दी है. अब इन यूनिवर्सिटीज को फैसला लेने के लिए यूजीसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, वे खुद ही अपने फैसले ले सकेंगी. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद समेत सभी 60 संस्थानों को लगातार शिक्षा का बेहतर स्तर बनाए रखने की वजह से ये स्वायत्तता मिली है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया, सरकार का प्रयास है कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के साथ स्वायत्तता पर भी जोर दिया जाए . यह प्रयास शिक्षा में उदारता के लिए है .जावड़ेकर के मुताबिक, सरकार ने कुल 60 उच्च शिक्षण संस्थानों को ऑटोनॉमी के लिए चुना है . इनमें 5 सेंट्रल यूनिवर्सिटी, 21 स्टेट यूनिवर्सिटी, 24 डीम्ड यूनिवर्सिटी और 2 प्राइवेट यूनिवर्सिटी को शामिल किया गया है . वहीं 8 कॉलेजों को भी स्वायत्तता दी गई है.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, तेलंगाना की इंग्लिश और फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी को शामिल किया है . स्टेट यूनिवर्सिटी में जाधवपुर यूनिवर्सिटी (कोलकाता), अलगप्पा यूनिवर्सिटी (तमिलनाडु), नाल्सर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ तेलंगाना, सावित्री वाई फुले (पुणे), आंध्र यूनिवर्सिटी (विशाखापट्टम), नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (दिल्ली) समेत 21 यूनिवर्सिटी शामिल हैं . निजी यूनिवर्सिटी में सोनीपत की ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी, गुजरात की पंडित दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी को भी शामिल किया है .
जावड़ेकर ने बताया कि ये सारे संस्थान यूजीसी की परिधि में ही रहेंगे . लेकिन इन्हें नए कोर्स शुरू करने, कैंपस खोलने, स्किल डेवलपमेंट कोर्स शुरू करने, रिसर्च पार्क और नए एकेडमिक प्रोग्राम शुरू करने की पूरी आजादी है . इन संस्थानों को विदेशी फैकल्टी, प्रोत्साहन आधारित वेतन, ओपन डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम चलाने के लिए यूजीसी की अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी .