– देश के 581 जिलों के 17 हजार 184 गांवों में परिवार शिक्षा की वार्षिक स्थिति (प्रभाव) 2021 का सर्वे से हुआ खुलासा
नागपुर – प्रथम संस्थान के माध्यम से देश के 581 जिलों के 17 हजार 184 गांवों में परिवार शिक्षा की वार्षिक स्थिति (प्रभाव) 2021 का सर्वेक्षण किया गया। सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के 33 जिलों के 990 गांवों को शामिल किया गया। सर्वे के मुताबिक, कोविड काल में स्मार्टफोन की संख्या बढ़कर 85 फीसदी हो गई है।
उक्त संस्थान द्वारा किये गये प्रथम प्रभाव सर्वेक्षण के दौरान 11 हजार 281 परिवारों तथा 5 से 16 वर्ष आयु वर्ग के 4 हजार 23 बच्चों की शैक्षिक स्थिति का अध्ययन किया गया। सर्वेक्षण का उद्देश्य स्कूलों और बच्चों की शिक्षा पर कोविड-19 महामारी के प्रभावों का अध्ययन करना था।
2018 में छह से 14 साल के आयु वर्ग के सरकारी स्कूलों में बच्चों का नामांकन 60.50 प्रतिशत था। 2021 में यह बढ़कर 69.70 प्रतिशत हो गया। 2018 में, स्मार्टफोन वाले परिवारों की संख्या 42.30 प्रतिशत थी।
2021 में यह दोगुणा होकर 85.50 प्रतिशत हो गया। घर में कम से कम एक स्मार्टफोन तो मिलता ही है। ऐसे बच्चों में से 10.3 प्रतिशत इसका उपयोग अध्ययन के लिए नहीं कर सके। जबकि 62.7 फीसदी बच्चों के पास कुछ समय के लिए स्मार्टफोन की पहुंच थी। केवल 27% बच्चों के पास पूर्णकालिक स्मार्टफोन था। कोविड के समय में कई लोगों की नौकरी चली गई। बच्चों की पढ़ाई के नुकसान से बचने के लिए अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदना पड़ा। उन्हें भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
मोबाइल के दीवाने हैं बच्चे
छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए स्मार्टफोन दिए गए हैं। केवल 27% बच्चों के पास पूर्णकालिक स्मार्टफोन था। अब ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। स्मार्ट फ़ोन के आदत लग जाने के कारण बच्चों का रुझान मोबाइल के प्रति कुछ ज्यादा होने से परेशानी का शबब बन चुकी हैं.