शासन के अध्यादेश पर बिफरे व्यापारी
अमरावती। 1 अगस्त 2015 से लोकल बाडी टैक्स (एलबीटी) हटाने की घोषणा पर अमल करने की हलचलों के बीच शुक्रवार को दोपहर में महानगरपालिका में शासन का अध्यादेश पहुंचा. जिसमें 50 करोड़ के टर्नओवर की शर्त का जिक्र देखकर व्यापारी संगठन हतप्रभ है. संगठनों के सभी पदाधिकारी इस बात को लेकर नाराजी जता रहे है कि एलबीटी के खिलाफ सभी ने मिलकर संघर्ष किया. फिर इस तरह का बंटवारा क्यों किया जा रहा. लूटो बांटो टैक्स हटाने की घोषणा के समय भाजपा सरकार ने इसका जिक्र तक नहीं किया था. फिर अब क्यों?
शहर में सालाना 50 करोड़ से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को ही एलबीटी से मुक्ति मिलेगी. उसके लिये भी एलबीटी रजिस्ट्रेशन रद्द कराने व्यापारी को आवेदन करना होगा. सालाना 50 करोड़ से कम टर्नओवर है या नहीं, इसकी ठोक-बजाकर जांच के बाद ही निगमायुक्त निर्णय लेंगे. जबकि 50 करोड़ से अधिक खरीदी या विक्री करने वाले व्यापारियों को एलबीटी से मुक्ति नहीं मिलेगी. इस तरह का अध्यादेश नगर विकास विभाग (यूडी) से शुक्रवार को अमरावती महानगरपालिका को प्राप्त हुआ. जिससे व्यापारी संगठन बिफर उठे है. व्यापारियों में सरकार के प्रति इस बात की नाराजी है कि सभी को समान न्याय दिया जाना चाहिए था.
निगमायुक्त को पावर
नगर विकास विभाग के उपसचिव लोखंडे के हस्ताक्षरयुक्त एक पन्ने के इस अध्यादेश में निगमायुक्त को पावर रहने का साफ जिक्र है. निगमायुक्त चंद्रकांत गुडेवार की दबंगाई को जानने वाले व्यापारी इस बात को लेकर चिंता में पड़ गये है कि जांच में यदि पूरा रिकार्ड ही जांच लिया तो वांदे तो नहीं आएंगे? 23 जुलाई को जारी इस अध्यादेश को लेकर दिनभर शहर के व्यापारियों में चर्चा रही.
Representational Pic