नागपुर– जनवरी में बैंकों की यह दूसरी हड़ताल है. आज शुक्रवार से दो दिवसीय हड़ताल बैंककर्मी वेतन संबंधी कई मांगें नहीं माने जाने पर हड़ताल कर रहे हैं. अगर वार्ता आगे भी नाकाम रही तो मार्च में भी बैंक हड़ताल पर चले जाएंगे. नागपुर में भी इस हड़ताल का असर रहा. बैंककर्मी इस हड़ताल में बड़ी तादाद में शामिल हुए. इस हड़ताल के कारण नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
इस महीने 8 जनवरी को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर थे.
एक महीने में बैंकों की यह दूसरी हड़तालवार्ता विफल होने पर आईबीए का हड़ताल वेतन में इजाफे समेत कई मांगों को लेकर बैंक आज शुक्रवार 31 जनवरी से दो दिन के हड़ताल पर हैं. हड़ताल का असर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत कई सार्वजनिक बैंकों पर पड़ेगा. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने अपनी मांगें पूरी नहीं होने से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है.
इन बैंकों के उपभोक्ताओं को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा. खासतौर पर एटीएम मशीनों में पैसे की किल्लत हो सकती है. हालांकि, इस हड़ताल से प्राइवेट बैंक दूर हैं.
यह हड़ताल ऐसे समय में हो रहा है जब आज शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वे और कल यानी 1 फरवरी को बजट 2020 पेश किया जाना है.
अपनी मांगों को लेकर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद बैंक आज और कल दो दिन हड़ताल पर हैं. माना जा रहा है कि इस हड़ताल के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंक आज (31 जनवरी) और कल (एक फरवरी) को बंद रहेंगे.
इसके बाद रविवार होने के कारण 2 फरवरी को भी बैंक बंद रहेगा. हड़ताल के इतर दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी रहेगी. बैंक से जुड़े संगठनों का कहना है कि अगर बातचीत पर सहमति नहीं बन पाती है तो मार्च में भी हड़ताल हो सकती है. हड़ताल से लोगों को खासी दिक्कत हो सकती है.
इससे पहले 8 जनवरी को भारत बंद के साथ ही करीब 6 बैंक यूनियनों ने हड़ताल की थी, उस दिन ज्यादातर बैंक बंद थे और जो खुले थे वहां भी कामकाज पर असर पड़ा था.
बैंक कर्मचारियों की यह महीने की दूसरी हड़ताल है. 1 फरवरी को महीने का पहला शनिवार है, इसलिए सभी कारोबारी बैंक बजट के दिन खुले रहते हैं, वहीं इसी दिन बजट पेश होने से स्टॉक एक्सचेंजों ने भी बाजार खोलने का फैसला किया.
बैंक संगठनों का कहना है कि अगर उनकी मांग पर मार्च तक कोई फैसला नहीं आया तो बैंक कर्मचारी से 1 अप्रैल से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.