नागपुर: सीमेंट सड़क के किनारे निम्न दर्जे की आई-ब्लॉक लगाई गई थी, जिसकी जांच में मनपा अधिकारियों ने 6-7 ठेकेदारों के कामों में दोष पाया गया था। लेकिन लगभग आधा दर्जन ठेकेदारों को संबंधित अधिकारियों ने मिलीभगत कर बचा लिया और एकमात्र ठेकेदार सह संबंधित कनिष्ठ अभियंता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। ये सनसनीखेज खुलासा एक सूत्र के हवाले से किया गया है।
कल उक्त प्रकरण में आयुक्त की आड़ लेकर ठेकेदार कंपनी जे.पी. इंटरप्राईजेस,क्वालीटी कंट्रोल का काम देखने वाली क्रियेशन इंजीनियर्स प्रा. लि. और मनपा के कनिष्ठ अभियंता श्रीवास्तव को कारण बताओ नोटिस थमाया गया और उन्हें उनका पक्ष रखने का निर्देश दिया गया। यह भी कहा गया कि समाधानकारक जवाब न मिलने पर जे.पी. इंटरप्राईजेस को ‘ब्लैक लिस्ट’ कर दिया जाएगा।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार उक्त मामले में 6-7 ठेकेदारों के कामों के निम्न दर्जे के होने की जानकारी मिली थी। वह यह कि उक्त सभी ठेकेदारों ने सीमेंट सड़क निर्माण के बाद आजू-बाजू ‘आई-ब्लॉक’ लगाए थे। सभी के आपूर्तिकर्ता एक ही थे, जिसे साहनी के नाम से जाना जाता हैं। जांच के दौरान क्वालिटी कंट्रोल का काम देखने वाली क्रिएशन इंजीनियर्स प्रा. लि. ने आरोप स्वीकारा था, लेकिन संबंधित आला अधिकारी व शेष 5-6 ठेकेदारों को मिलीभगत के तहत बचा लिया और मामले को शांत करने के लिए आला अधिकारियों पर आंच न आए इसलिए एक ठेकेदार, गुणवत्ता जाँचने वाली कंपनी सह कनिष्ठ अभियंता को बलि का बकरा बना दिया गया।
नए मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे ने उक्त मामले में सीमेंट सड़क की गुणवत्ता जांचने वाली कंपनी की रिपोर्ट और उक्त सभी ठेकेदारों को ‘आई-ब्लॉक’ आपूर्ति करने वाले ठेकेदार साहनी के उत्पादों की तकनीकी जांच करवाएंगे तो ‘दूध का दूध व पानी का पानी’ हो जाएगा। इस मामले में पाए जाने वाले सभी दोषी आला अधिकारी सह ठेकेदारों पर कार्रवाई करने की मांग ‘एमओडीआई फाउंडेशन’ के अध्यक्ष महेश दयावान ने की हैं।