नागपुर. इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में राष्ट्रीय विषाणु प्रयोगशाला (एनआईवी) केंद्र को कोरोना वायरस की जांच के लिए स्वास्थ्य व अनुसंधान विभाग ने अधिकृत मंजूरी दी है। अब बुधवार से विदर्भ में पाये जाने वाले सभी संदिग्ध मरीजों की जांच मेयो की प्रयोगशाला में ही की जाएगी।
सिटी सहित विदर्भ में हर वर्ष स्वाइन फ्लू, स्क्रप टाइफस सहित संक्रामक बीमारियों के मरीजों की मृत्यु होती है। शुरुआत में सभी जांच पुणे की एनआईवी संस्था में की जाती थी। इसके लिए नमूने विमान के माध्यम से भेजे जाते थे। इससे शासकीय खर्च भी आता था। साथ ही रिपोर्ट मिलने में भी समय लगता था।
इसी समस्या को देखते हुए एनआईवी द्वारा मेयो की प्रयोगशाला में उपकेंद्र शुरू कर नमूने जांच करने के लिए प्रशिक्षित डाक्टर सहित टेक्निशियन दिये गये। यही वजह है कि मेयो में ही स्वाइन फ्लू की जांच की जाती है। सिटी में कोरोना वायरस के अब तक 2 संदिग्ध मरीज सामने आये, लेकिन एक मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि एक मरीज की रिपोर्ट प्राप्त होना बाकी है। मेयो की प्रयोगशाला में पुणे के एनआईवी केंद्र के रिएजेंट भेजे गये हैं।
इस रसायन की नियमानुसार जांच सफल तरीके से की गई। यही वजह है कि अब बुधवार से सिटी में ही संदिग्ध मरीजों की जांच की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इससे पुणे भेजने का खर्च भी बचेगा और समय पर रिपोर्ट मिल सकेगी।