Published On : Wed, Feb 26th, 2020

खबर का असर : सुरक्षाकर्मी बढ़ी लेकिन वेतन वही……

Advertisement

– लोककर्म विभाग के मुख्य अभियंता,कार्यकारी अभियंता,उप अभियंता व घाघ कनिष्ठ अभियंता के कानों पर जून नहीं रेंग रही,जारी हैं ठेका श्रमिकों से आर्थिक शोषण

नागपुर : स्थानीय रवि भवन के प्रबंधकों द्वारा जब से परिसर के कामकाजों का निजीकरण किया गया ,तब से ठेका श्रमिकों का आर्थिक शोषण सतत जारी हैं.जब इस महत्वपूर्ण परिसर में हो रहे धांधलियों को ‘नागपुर टुडे’ ने प्रमुखता से सार्वजानिक किया तो प्रबंधन संभाल रहे लोककर्म विभाग के मुख्य अभियंता,कार्यकारी अभियंता,उप अभियंता व घाघ कनिष्ठ अभियंता ने क्यूंकि मुंबई में बजट अधिवेशन चल रहा इसलिए मामला विधानसभा या परिषद् में न उठे इसलिए मामला दबाने के लिए सिर्फ परिसर में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई लेकिन आर्थिक शोषण आज भी जारी हैं.

Gold Rate
Thursday 13 March 2025
Gold 24 KT 87,100 /-
Gold 22 KT 81,000 /-
Silver / Kg 99,100 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

इस परिसर में सुरक्षा व्यवस्था,साफ़-सफाई और हाऊस कीपिंग सह कैंटीन का निजीकरण कर दिया गया। जल्द ही रिसेप्शन का भी निजीकरण कर दिया जाएगा। कारण साफ हैं कि लोककर्म विभाग खुद संभाल रही थी तो गुणवत्ता नहीं थी,व्यवस्था चरमराई थी। निजीकरण करने से सुविधा चुस्त तो नहीं हुई लेकिन नियमित जेबें गर्म होने लगी। आला अधिकारियों के बंगलों में फ्री में कर्मी काम करने के लिए भेजे जाने लगे।

हाऊस कीपिंग कर्मी भी शोषण के शिकार
रवि भवन परिसर में पिछले 8-9 वर्षों से एक ही ठेकेदार हाऊस कीपिंग का कामकाज संभाल रहा हैं,जबकि लोककर्म विभाग में 11-11 माह का ठेका ही होता हैं, क्योंकि विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार के मध्य गहरी सांठगांठ हैं, इसलिए सिर्फ दाभोलकर को ही लगातार ठेका दिया जा रहा। इस ठेकेदार के 2 प्रबंधक हैं, संभाजी और निरंजन। इसने हाऊस कीपिंग के लिए एक दर्जन और कमरों और कॉटेजों में खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए डेढ़ दर्जन बाहरी युवक-युवतियों को रखा हैं। इन्हें भी फ्री भोजन के साथ सिर्फ 6-6 हज़ार रुपए तनख्वाह के रूप में दिया जाता। इसके अलावा न मेडिकल और न ही अन्य सुविधाएं दी जाती हैं।

याद रहे कि सुरक्षा रक्षक और साफ-सफाई करने वालों के साथ लोककर्म विभाग के शह पर ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा आर्थिक शोषण का मामला सार्वजनिक होते ही। जिम्मेदार अभियंता वर्ग शोषण रोकने के बजाए पोल किसने खोली यह पता लगाने के लिए परिसर में लगे सीसीटीवी को खंगाल रहे। क्योंकि कर्मियों की संख्या ठेका शर्तो के हिसाब से बढ़ाये और शर्तों के हिसाब से उन्हें वेतन दिया गया तो अधिकारियों को होने वाला मासिक लाभ का क्रम थम जायेगा।

कनिष्ठ अभियंता ही सर्वेसर्वा
ये अपने कक्ष में नज़र आते,अक्सर वे पीछे गोदाम और अन्य कक्ष में ठेकेदार सह संदिग्धों के साथ गुफ्तगू करते नज़र आते हैं।
उक्त मामलात को गंभीरता से लेने हेतु न कोई मंत्री जो रवि भवन का उपयोग कर रहा और न ही लोककर्म विभाग का मुख्य अभियंता सक्रिय नज़र आ रहे। इसके पूर्व असुरक्षित रवि भवन में एक बड़ा हादसा हो चूका हैं,जिसकी चर्चा दिल्ली से गल्ली तक हुई,लेकिन उसकी गुत्थी आजतक नहीं सुलझ पाई। क्या सभी किसी आला विशिष्ट आगंतुक के साथ हादसा होने का राह तक रहे।

सरकार की कथनी और करनी में अंतर
सरकारी कर्मियों को सप्ताह में 5 दिन काम और 7 वां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार वेतन तो दूसरी ओर सरकारी महकमों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को माह में 30 दिन काम के ऐवज में अल्प वेतन।

परिसर में ठेकेदारों के गोडाऊन
शीतकालीन अधिवेशन बीते लगभग 3 माह बीत चुके।लेकिन आज तक ठेकेदारों का मंडप आदि समान परिसर से बाहर नहीं गया। बल्कि परिसर के खुले जगह में स्थाई रूप से रख दिया गया,यह सबसे सुरक्षित जगह भी हैं। इसके ऐवज में संबंधित अधिकारियों को खुश कर दिया जाता हैं।

Advertisement
Advertisement