Published On : Thu, Mar 5th, 2020

उठ सकता हैं बजट अधिवेशन में नागपुर मनपा बर्खास्तगी का मामला

Advertisement

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को सुनील प्रभु,प्रकाश फातपेरकर,रमेश कोरगावंकर,अजय चौधरी ने चर्चा करने हेतु पत्र देकर मांग की

नागपुर: नागपुर मनपा की आर्थिक जर्जर स्थिति का मामला मुंबई में शुरू बजट अधिवेशन में विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत बर्खास्त करने हेतु चर्चा करने की मांग सुनील प्रभु,प्रकाश फातपेरकर,रमेश कोरगावंकर,अजय चौधरी ने की.

Gold Rate
Tuesday18 March 2025
Gold 24 KT 88,700 /-
Gold 22 KT 82,500 /-
Silver / Kg 100,900 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

उक्त विधायकों द्वारा संयुक्त रूप से दिए गए पत्र द्वारा विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले को जानकारी दी कि नागपुर मनपा प्रशासन का नियोजन शून्य हैं.इसलिए विभिन्न विकासकार्यों का लगभग ७०० करोड़ रूपए का बकाया भुगतान आजतक नहीं किया गया.पिछले ५ वर्षों में राज्य सरकार की योजनाओं में मनपा का हिस्सेदारी नहीं देने, से ५ वर्ष में पूर्ण होने वाली प्रकल्प १० वर्षों में भी पूर्ण नहीं हो पा रही.मनपा की मुख्य आय की स्त्रोत की स्थिति जर्जर होने के बावजूद कुछ वर्षों से लम्बी-चौड़ी बजट पेश कर शहर की जनता को गुमराह किया जा रहा.प्रस्तावित बजट के हिसाब से प्रस्ताव मंजूर कर विकास कार्य कर तो लिए जा रहे लेकिन भुगतान करने में हालत पतली हो जा रही,नतीजा मनपा पर आज की स्थिति में लगभग ७०० करोड़ रूपए का बकाया हैं.

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मनपा कर्मियों के वेतन से पेंशन, ‘जीपीएफ’ सह अन्य कटौती तो कर ली जा रही लेकिन कई वर्षों से सम्बंधित विभागों में नियमित जमा नहीं किया जा रहा,इसका भी बकाया मनपा पर एक बोझ ही हैं.इसके साथ ही चालू वर्ष का विकास कार्य का भुगतान भी सर चढ़ के बोल रहा.कर्मचारियों से काटे गए पैसों से ठेकेदारों का भुगतान ग़ैरकृत हैं.

ऐसी सूरत में नए विकासकार्यों को मंजूरी देना अर्थात बकाया भुगतान राशि में बढ़ोतरी करना होंगा।

इसलिए विधायक सुनील प्रभु,प्रकाश फातपेरकर,रमेश कोरगावंकर,अजय चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले से उक्त मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा कर नागपुर मनपा बर्खास्त करने की मांग की हैं.अन्यथा भविष्य में नागपुर शहर में रहने वाले नागरिकों को मुलभुत सुविधा देने में दुविधा खड़ी हो सकती हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि उक्त मांगकर्ताओं में से नागपुर मनपा या शहर के कोई खास ताल्लुक नहीं हैं.अब देखना यह हैं कि विधानसभा अध्यक्ष क्या रुख अख्तियार करते हैं.

Advertisement
Advertisement