Published On : Wed, Mar 11th, 2020

‘ PLASTO ‘ के फ्रॉड में बैंक ने कहा ‘ वेरिफिकेशन के बिना ओपन और ट्रांसफर नहीं कर सकते अकाउंट ‘

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नागपुर– शहर की चर्चित कंपनी ‘ प्लास्टो ‘ PLASTO ‘ के संचालक विशाल अग्रवाल, उर्मिला अग्रवाल, वैभव अग्रवाल, नीलेश अग्रवाल और श्रेया अग्रवाल की मिलीभगत से’ प्लास्टो ‘ PLASTO ‘ के मूल संचालक मदनमोहन अग्रवाल की पत्नी रजनीदेवी अग्रवाल, नानी येणु अग्रवाल के फर्जी तरिके से अकाउंट गांधीबाग पंजाब नेशनल बैंक की शाखा से ट्रांसफर कर एमईसीएल की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में किए गए थे. यह आरोप मदनमोहन अग्रवाल के बेटे अंकुश अग्रवाल ने विशाल अग्रवाल पर लगाए है. इस पुरे फ्रॉड ( Fraud ) के मामले में अंकुश के पास डाक्यूमेंट्स और स्पेसीमेन भी मौजूद है.

अंकुश ने आरोप लगाया है की इस पुरे मामले में 2012 में कार्यरत बैंक की मैनेजर भी शामिल रही. अंकुश का कहना है की उनकी माँ रजनीदेवी और पिता का अकाउंट वर्ष 1983, 1984 से गांधीबाग पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में था. उसको बिना वेरिफिकेशन किए विशाल अग्रवाल और बैंक के अधिकारियो की मिलीभगत से एमईसीएल की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में ट्रांसफर किया गया और उसमें से करोडो रूपया निकाला गया. इसके साथ ही इनकी नानी येणुबाई अग्रवाल जो काफी बुजुर्ग थी. जो चल फिर भी नहीं सकती थी. इनका भी अकाउंट बिना इनकी अनुमति और वेरिफिकेशन के एमईसीएल की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में खोला गया. जबकि येणुबाई का कही पर भी, किसी भी बैंक में कोई अकाउंट नहीं था. येणुबाई का 1 अकाउंट एचयूएफ ( Hindu Undivided Family ) पंजाब नेशनल बैंक में खोला गया, जबकि माँ रजनीदेवी का 1 और पिता मदनमोहन अग्रवाल का 1 अकाउंट ट्रांसफर किया गया, इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक में एचयूएफ ( Hindu Undivided Family ) का अकाउंट भी खोला गया.

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अंकुश का कहना है की बिना ग्राहक के आए या फिर बिना उसके दस्तखत के किसी भी तरह का बैंक का व्यवहार नहीं किया जा सकता. वेरिफिकेशन के लिए कोई भी पंजाब नेशनल बैंक का अधिकारी या कर्मचारी कभी भी उनके घर नहीं आया. अंकुश का कहना है की विशाल अग्रवाल ने इस तरह से फर्जी अकाउंट जब खोले तो विशाल के ही घर में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन किए गए होंगे. जबकि मदनगोपाल का घर धरमपेठ में है और विशाल अग्रवाल का सदर में स्थित है. अंकुश का आरोप है की पंजाब नेशनल बैंक की पूर्व मैनेजर पालीवाल विशाल अग्रवाल के घर किराए से रहती थी. अभी यह मैनेजर नागपुर में ही एक ऊंचे पद पर है.

अंकुश अग्रवाल ने एक और ख़ासबात बताई की येणुबाई के ही अकाउंट में एक फोटो येणुबाई यानी उनकी नानी का है और वही दूसरा फोटो उनकी दादी का लगाया गया है. इन्हे जब 2012 में इस फर्जी कारनामें का पता चला तो उन्होंने बैंक से शिकायत की और अकाउंट स्टेटमेंट, दस्तखत स्पेसीमेन, वाउचर और चेक की जानकारी मांगी. जो इन्हे नहीं दी गई. करीब 6 वर्ष के बाद इन्हे आधी अधूरी जानकारी दी गई.

इस मामले में एमईसीएल स्थित पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर नरेंद्र शंभरकर से बात की गई तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया की बिना वेरिफिकेशन के बैंक अकाउंट या फिर अकाउंट ट्रांसफर नहीं किया जाता. कुछ परिस्थिति में अगर ग्राहक बीमार हो या फिर बैंक नहीं आ सकता. ऐसी परिस्थिति में बैंक कर्मी को उसके घर भेजा जाता है. यह मामला जब हुआ तब वे यहां के मैनेजर नहीं थे. इन्हे अब जो भी जानकारी चाहिए वे नियम के अनुसार दी जाएंगी.

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