Published On : Wed, Mar 18th, 2020

वझलवार ड्राइविंग स्कुल समेत दो ओर ने किया करोडो रुपयों का जीएसटी चोरी

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नागपुर – नागपुर शहर के तीन नामी गिरामी ड्राइविंग स्कुल ने 10 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी करने का मामला सामने आया है.इसमें शिवाजी नगर स्थित वझलवार ड्राइविंग स्कुल ( WAZALWAR DRIVING SCHOOL ) मेडीकल चौक स्थित श्री ड्राइविंग स्कुल (SHREE DRIVING SCHOOL) और मनीष नगर स्थित देसाई ड्राइविंग स्कुल (DESAI DRIVING SCHOOL) शामिल है.वस्तु एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई ) नागपुर की टीम ने 10 करोड़ रुपए की वस्तु एवं सेवा कर (GST ) नहीं भरने का खुलासा किया है. शिवाजी नगर स्थित वझलवार ड्राइविंग स्कुल ( WAZALWAR DRIVING SCHOOL ) के संचालक मनीष वझलवार है. मेडीकल चौक स्थित श्री ड्राइविंग स्कुल (SHREE DRIVING SCHOOL) के संचालक दिलीप चितरे है और मनीष नगर स्थित देसाई ड्राइविंग स्कुल (DESAI DRIVING SCHOOL) की संचालक उषा मनोहर देसाई है .

जानकारी के अनुसार इन तीनों ड्राइविंग स्कूलों ने कभी भी कोई टैक्स नहीं भरा है. इसी के साथ इन्होने कभी भी किसी भी विभाग में पंजीकरण (REGISTRATION ) नहीं कराया है.

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मिली जानकारी के अनुसार वस्तु एवं सेवा कर (GST ) विभाग को सुचना मिली थी की वझलवार ड्राइविंग स्कुल ( WAZALWAR DRIVING SCHOOL ), देसाई ड्राइविंग स्कुल (DESAI DRIVING SCHOOL) और श्री ड्राइविंग स्कुल (SHREE DRIVING SCHOOL) की ओर से टैक्स नहीं भरा जा रहा है. सबसे बड़ी बात सामने यह आयी है की पिछले 20 साल से शहर में यह तीनों ड्राइविंग सीखा रहे है लेकिन अब तक इन्होने कोई भी टैक्स नहीं भरा है. इसके साथ ही इन तीनों ने किसी भी विभाग में अपने ड्राइविंग स्कुल का पंजीकरण (REGISTRATION) तक नहीं कराया है. इस जांच के बाद यह भी सामने आया है की इन तीनो मोटर ड्राइविंग स्कूलों ने बहोत ही कम मामलो में बिल बनाएं है. इन ड्राइविंग स्कूलों का कोई भी व्यवस्थित अकाउंट, रिकॉर्ड, इनकम टैक्स रिटर्न, वित्तीय दस्तावेज(DOCUMENTS) नहीं है. इन स्कूलों में जो ड्राइविंग सीखता है उससे कॅश में पैसे लेकर सर्विस टैक्स और जीएसटी छिपा लिया जाता है.

इनके कार्यालय से कुछ कच्ची रसीदे और रजिस्टर जब्त कर जांच की गई है. जिसके आधार पर पता चला है की पिछले 5 सालों में इन तीनों ने 10 करोड़ रुपए का व्यापार छिपाया है. जिसपर सर्विस टैक्स और जीएसटी 1.86 करोड़ रुपए है.

ध्यान देनेवाली बात यह है की इतने वर्षो से यह लोग अपने इतनी बड़ी ड्राइविंग स्कुल चला रहे थे तो क्यों प्रशासन की नजर इनपर नहीं पड़ी.

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